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– फोटो : पीटीआई
विस्तार
आतंकी वारदातों में शामिल रहे लोग जम्मू के अलग-अलग हिस्सों में आकर बस गए हैं। इन लोगों ने अपने लिए स्थायी आवास बना लिए हैं, लेकिन इसकी खुफिया एजेंसियों को भनक तक नहीं लगी। ऐसे ही लोगों में से जब एक आतंकी निकला तो पुलिस ने रिकॉर्ड खंगालना शुरू किया। पता चला कि आतंकवाद ग्रस्त क्षेत्रों में कभी आतंकी वारदातों में शामिल रहे 169 लोगों ने जम्मू में अपने घर बना लिए हैं।
जानकारी के अनुसार, ये लोग किश्तवाड़, रामबन, डोडा, उधमपुर, राजोरी, पुंछ और कश्मीर के हैं। इनका अपने-अपने जिलों में तो पुलिस के पास रिकाॅर्ड है, जहां इनके घर हैं। लेकिन जम्मू में बनाए गए घरों का पुलिस के पास कोई रिकॉर्ड नहीं था। ये लोग दो जगहों पर रह रहे हैं, लेकिन पुलिस रिकाॅर्ड में एक ही जगह पर इनके ऊपर नजर रखी जा रही है। पुलिस की ओर से विभिन्न जिलों से इनका रिकॉर्ड मंगवाया गया।
जांच में पता चला कि जम्मू में 169, कठुआ में 14 और सांबा में चार ऐसे आतंकी रिकाॅर्ड के लोग हैं, जिन्होंने अपने स्थायी आवास बनाए। इनके अपने मूल जिलों में भी घर हैं। अब हर थाना स्तर पर इनकी प्रोफाइल तैयार की जा रही है, ताकि हर एक थाना स्तर पर इन लोगों का रिकार्ड रहे। पुलिस इन पर नजर रख सके।
कितना जरूरी है पुलिस के रिकॉर्ड में आना
केस 1
18 जुलाई, 2022 को पुलिस ने जम्मू के खटीका तालाब में रहने वाले फैजल मुनीर को गिरफ्तार किया। यह आतंकी संगठन लश्कर के लिए काम कर रहा था। इसके घर से एके46 राइफल, दो मैगजीन, 60 कारतूस, पांच पिस्तौल, 15 मैगजीन, 100 गोलियां, दो पिस्तौल साइलेंसर, आठ ग्रेनेड और एक वजन मशीन के अलावा हथियार साफ करने का सामान मिला। फैजल मुनीर मूल रूप से डोडा का रहने वाला था, जिसने खटीका तालाब में घर बना रखा था। यह सीमा पार से 15 बार ड्रोन से गिराए हथियारों को आतंकियों तक पहुंचाने और छह आतंकी वारदातों में शामिल था। ये शहर के बीचोंबीच रहता था। लेकिन किसी को पता ही नहीं था।
केस 2
अगस्त 2023 में एनआईए की टीम ने जम्मू के बठिंडी में एक डाॅक्टर के घर छापा मारा। यह डाक्टर डोडा जिले का रहने वाला था। इसके मोबाइल फोन में कई ऐसी एप मिलीं, जो प्रतिबंधित थीं और इनसे पाकिस्तान के नंबरों पर बात होती थी। डाॅक्टर का बठिंडी में घर है और डोडा में भी।
केस 3
21 सितंबर, 2022 में बठिंडी में एक व्यक्ति के घर छापा मारा गया। यह मूल रूप से किश्तवाड़ का था। इस समय दुबई में हैं। एसआईए को पता चला कि वह टेरर फंडिंग में शामिल हैं।
दूसरे जिलों में तो रिकार्ड, जहां पता नहीं था
आतंकी वारदातों में जुड़े इन लोगों का अपने मूल जिलों में तो रिकाॅर्ड है, लेकिन जम्मू में इनका रिकार्ड नहीं था, जबकि रिकाॅर्ड होना जरूरी है। एक जगह पर इनके ऊपर नजर रखी जा रही है, दूसरी जगह अता-पता ही नहीं। इसी को देखते हुए सबका पता लगाया गया है। इनका थाना स्तर पर पूरी प्रोफाइल के साथ रिकाॅर्ड बनाने के लिए कहा गया है।
-सुनील गुप्ता, डीआईजी, जम्मू