मां यशवंतरी देवी मंदिर
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पीलीभीत में मां यशवंतरी देवी का मंदिर एक हजार वर्ष से भी अधिक पुराना बताया जाता है। गजेटियर में यह 380 सौ साल से दर्ज है। मान्यता है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। नवरात्र पर मां यशवंतरी देवी मंदिर में प्रतिदिन भक्तों की भीड़ उमड़ रही है।
मंदिर के प्रधान पुजारी राजेश कुमार वाजपेयी बताते हैं कि मां यशवंतरी देवी का मंदिर यूं तो एक हजार वर्ष से भी ज्यादा पुराना है। लेकिन गजेटियर में यह 380 साल से दर्ज है। वह नौवीं पीढ़ी के पुजारी है। महंत बताते हैं कि नकटा दानव का वध करने बाद मां ने यहां विश्राम किया था और जल पीया था।
मंदिर में मां यशवंतरी के जहां चरण हैं वहां पहल एक विशाल घड़े में जल था। तब से नियमित रोजाना इसमें पानी डाला जाता रहा। अब इसे चांदी से मड़वा दिया गया है। इस पानी को पीने से कई लोगों की बीमारियां दूर हुई हैं।
मान्यता यह भी है कि पूर्णागिरी से लौटकर आते समय मां यशवतंरी देवी के दर्शन करने के बाद ही यात्रा पूर्ण मानी जाती है। मंदिर के शुरुआत से ही यहां प्राचीन तालाब है, जो आज भी बरकरार है। नवरात्र पर हजारों श्रद्धालु मंदिर में मां का आशीर्वाद लेने आते हैं। मुंडन संस्कार भी यहां होता है।