प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत बने आवास
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बरेली में खुद का आशियाना पाने की उम्मीद में 1993 परिवार भटक रहे हैं। अधूरे निर्माण और मूलभूत सुविधाओं की कमी की वजह से अभी तक आवास कब्जा देने की स्थिति में नहीं आ सके हैं। बिल्डर भी इन आवास को पूरा करने की जगह आवंटियों द्वारा पैसा जमा नहीं किए जाने का बहाना बना रहे हैं। प्रोजेक्ट फंसते देख अब बैंकों ने भी आवंटियों को होमलोन देने से हाथ खींच लिए हैं।
प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के अंतर्गत निजी बिल्डर्स की ओर से तीन प्रोजेक्ट में 2344 आवास बनाने थे। इन बहुमंजिला आवास का निर्माण मार्च 2023 तक पूरा होना था। इस मियाद को पूरा हुए भी आठ महीने से अधिक हो गए, पर अभी तक आवास अधूरे हैं।
अधिकारी खुद नहीं बता पा रहे हैं कि निर्माण कब तक पूरा होगा। अधिकारियों का दावा है कि केवल 875 आवास ही प्लास्टर लेवल तक पहुंच सके हैं। इसके अलावा अधिकतर में सिविल वर्क ही बाकी है। सड़क, सीवर, पानी आपूर्ति, बिजली जैसे काम भी शुरू किए जाने हैं। ऐसे में अगले एक साल तक प्रोजेक्ट के पूरा होने की उम्मीद नहीं दिखती। ये आवंटी अब बिल्डर्स के कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं।