नई दिल्ली: ‘मेटा द डैजलिंग गर्ल’ एक ऐसी फिल्म है, जो दर्शकों को एक अलग ही दुनिया में लेकर जाएगी. इस फिल्म के साथ एक अलग ही प्रयोग किया गया है. इस फिल्म में सिंगल कैरेक्टर के साथ एक ऐसी कहानी से रूबरू कराया गया है, जिसमें कोई फेस देखने को नहीं मिलेगा. इतना ही नहीं, फिल्म में ना तो कोई डायलॉग है और ना ही कोई भाषा है. इस फिल्म को ‘नॉन डायलॉग’ वाली सर्वाइवल फिल्म कहा जा सकता है.
फिल्म की कहानी की बात करें तो इसकी कहानी यह एक ऐसी लड़की की है, जो एक जगह ऐसे अकेले फंस जाती है, जहां पर कदम-कदम पर उसका सामना मौत से होता है. जिंदगी और मौत के बीच किस तरह से खुद को सर्वाइव करती है, यही इस फिल्म का मुख्य प्लॉट है. फिल्म में एक नया प्रयोग किया गया है. इसलिए इसे कान्स वर्ल्ड फिल्म फेस्टिवल में बेस्ट एक्सपेरिमेंटल फिल्म का पुरस्कार दिया गया है. फिल्म के डायरेक्टर प्रसांद मामुल ने बातचीत के दौरान बताया, ‘हम खुशी और आभार से अभिभूत हैं. यह पुरस्कार हमारी टीम के अथक प्रयासों और कहानी कहने की नई सीमाएं तलाशने की कोशिशों का प्रमाण है.’
फिल्म को ऑस्कर अवॉर्ड में भेजने की है योजना
फिल्म के निर्माता तिलोक कोठारी ने कहा, ‘यह फिल्म भाषाई और सांस्कृतिक सीमाओं को तोड़ते हुए दर्शकों के दिलों तक पहुंची है. यह फिल्म भारतीय और विश्व सिनेमा के भविष्य को डिफाइन कर रही है. जयपुर फिल्म फेस्टिवल में टॉप तीन फिल्मों में इस फिल्म ने जगह बनाई है. फिल्म के डिस्ट्रिब्यूटर संजय भूषण पटियाला के मुताबिक, इस फिल्म को अगले साल ऑस्कर अवॉर्ड में भेजने की योजना बनाई जा रही है.
FIRST PUBLISHED : November 29, 2024, 23:19 IST