जिला अदालत में शुक्रवार को जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण(एएसआई) ने अपना जवाब पेश किया गया। एएसआई ने कहा कि विवादित स्थल 1920 से उनके संरक्षण में है। एएसआई द्वारा समय-समय पर इसके सर्वे की कोशिशों में मस्जिद कमेटी ने रुकावट डाली। इसके साथ ही मस्जिद के स्ट्रक्चर में बदलाव भी किया गया है। एएसआई ने कहा कि 2018 में भी मस्जिद कमेटी ने पुरातत्व स्थल पर अवैध रूप स्टील की रेलिंग लगाकर ढांचे में बदलाव की कोशिश की। इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी। सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य कुमार सिंह कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई के लिए आठ जनवरी की तिथि निर्धारित की है।
बता दें कि संभल की जामा मस्जिद के हरिहर मंदिर होने की बात कहते हुए 19 नवंबर को कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन समेत आठ वादकारियों ने छह लोगों के विरुद्ध कोर्ट में दावा दायर किया था। अदालत ने उसी दिन रमेश सिंह राघव कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करते हुए सुनवाई की अगली तारीख 29 नवंबर निर्धारित की। 19 नवंबर को ही कोर्ट कमिश्नर सर्वे करने के लिए जामा मस्जिद पहुंच गए थे। इसके बाद वो 24 नवंबर को अधिकारियों के साथ सर्वे करने पहुंचे तो मस्जिद के बाहर खड़ी उग्र भीड़ ने पथराव कर दिया था। आगजनी और फायरिंग की घटना भी हुई थी, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई थी।
बवाल के बाद शुक्रवार को होने वाली सुनवाई को प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। सुबह 11 बजे कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। मस्जिद पक्ष की ओर से अधिवक्ता शकील वारसी व कासिम जमाल ने कोर्ट में दावे की नकलें मांगी। इसी बीच कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव ने कमिशन रिपोर्ट दाखिल करने के लिए समय मांगा। जामा मस्जिद की ओर से उपस्थित अधिवक्ता शकील वारसी ने कहा कि यदि और समय दिया जाता है तो ये दोबारा मस्जिद का मुआयना करने जाएंगे। उन्होंने आशंका जताई कि इस दौरान कोई बड़ा हादसा हो सकता है। जिस पर न्यायालय ने 10 दिन का समय कोर्ट कमिश्नर को रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दिया।
हाई अलर्ट पर रहा संभल, मेटल डिटेक्टर से ली गई हर नमाजी की तलाशी
कोर्ट में पहली सुनवाई और जुमे की नमाज को लेकर शुक्रवार को जिला प्रशासन हाई अलर्ट पर रहा। मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय कुमार सिंह और डीआईजी मुनीराज जी पल-पल की जानकारी डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया और एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई से लेते रहे। डीएम और एसपी ने भी सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह परखा और लगातार निगरानी बनाए रहे। रविवार को सर्वे शुरू के दौरान हुए बवाल के बाद पुलिस प्रशासन किसी भी स्तर की चूक नहीं चाहता है। इसलिए शुक्रवार को नमाज पढ़ने आने वाले नमाजियों को भी मेटल डिटेक्टर से होकर गुजारा गया। एहतियाती तौर पर तलाशी भी ली गई। मुख्य गेट और आसपास भारी फोर्स भी तैनात रही।
मस्जिद के तीन रास्ते हैं। इन तीनों रास्तों पर बैरिकेडिंग की हुई है। वाहन नहीं लाया जा सकता है, लेकिन पैदल पहुंचा जा सकता है। शुक्रवार को नमाज के लिए भी नमाजियों को पैदल प्रवेश मिला। जो लोग वाहनों से पहुंचे उनका वाहन जामा मस्जिद से दूर खड़ा कराया गया।
निषेधाज्ञा जारी
संभल के डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने 10 दिसंबर 2024 तक बीएनएसएस की धारा 163 लगाते हुए निषेधाज्ञा जारी की है। इस धारा के तहत बिना पूर्व अनुमति के 5 या अधिक लोगों का जमा होना प्रतिबंधित है।
संभल जाने की जिद पर अड़े ताैकीर रजा गिरफ्तार
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल (आईएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां को शुक्रवार को संभल जाने की कोशिश में गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, उन्हें मुचलके पर रिहा कर दिया गया। माैलाना ताैकीर ने कहा कि संभल को आग में झोंकने की कोशिश की गई है। वहां मुसलमानों की हत्या की गई है। वहां के अधिकारियों को हटाया जाए और मामले की उच्चस्तरीय जांच कराकर दोषियों को सजा दी जाए। सके बाद मौलाना दिल्ली के लिए रवाना हो गए। संवाद
मुरादाबाद में 190 शिवसैनिक हिरासत में