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आनंद पंडित ने बॉलीवुड में रीमेक पर बढ़ती निर्भरता पर चिंता जताई और मौलिक कहानियों की वापसी की अपील की. उन्होंने ‘थुदरम’ की सफलता का उदाहरण देते हुए क्रिएटिविटी और कारोबार में संतुलन की जरूरत बताई.
हाइलाइट्स
- आनंद पंडित ने रीमेक पर बढ़ती निर्भरता पर चिंता जताई.
- मौलिक कहानियों की वापसी की अपील की.
- क्रिएटिविटी और कारोबार में संतुलन जरूरी बताया.
मशहूर फिल्म निर्माता आनंद पंडित ने बॉलीवुड में रीमेक पर बढ़ती निर्भरता पर चिंता जताई है. उन्होंने हिंदी सिनेमा जगत से मौलिक कहानी कहने की कला को फिर से अपनाने की अपील की. पंडित ने बॉलीवुड के सुनहरे दौर को याद करते हुए कहा कि पहले ऑरिजनल कहानियों ने हिंदी सिनेमा को खास बनाया था. लेकिन, आज फिल्म निर्माता साउथ और रिजनल सिनेमा से प्रेरणा ले रहे हैं या उनकी रीमेक बना रहे हैं. उन्होंने इसे रचनात्मकता की कमी का कारण बताया.
सिर्फ बिजनेस एंगल से नहीं देखना चाहिए
थुदरम की तारीफ की
क्रिएटिविटी और कारोबार दोनों में संतुलन जरूरी
उन्होंने कहा, “फिल्म का हिट या फ्लॉप होना सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर निर्भर नहीं करता. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि आप उसमें रचनात्मक और वित्तीय रूप से कितना निवेश करते हैं. अगर फिल्म निर्माता सार्थक कहानियों के बजाय सिर्फ प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देंगे, तो बॉक्स ऑफिस पर असर पड़ेगा. रचनात्मकता और व्यवसाय को मिलकर चलना होगा, वरना दर्शकों से जुड़ना मुश्किल हो जाएगा.”

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