सूडान के दारफुर इलाके से आ रही सैटेलाइट तस्वीरों ने दुनिया को झकझोर दिया है। इन तस्वीरों में एल-फाशेर शहर में सामूहिक कब्रें दिखाई दे रही हैं। बताया जा रहा है कि रैपिड सपोर्ट फोर्स (आरएसएफ) ने शहर पर कब्जा करने के बाद बड़ी संख्या में लोगों को मार डाला और फिर उनके शवों को दफनाया गया। अमेरिका की येल यूनिवर्सिटी के ह्यूमैनिटेरियन रिसर्च लैब ने कोलोराडो स्थित वैंटोर इमेजिंग नामक कंपनी की सैटेलाइट तस्वीरों का विश्लेषण किया है।
उनके अनुसार, एल-फाशेर में दो स्थानों पर सामूहिक कब्रें खोदी गईं, एक मस्जिद के पास और दूसरी एक पुराने बच्चों के अस्पताल के पास, जिसे आरएसएफ ने जेल के रूप में इस्तेमाल किया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि कब्रों के आकार से यह पता नहीं लगाया जा सकता कि उनमें कितने शव दफनाए गए हैं, क्योंकि कई बार शवों को एक-दूसरे के ऊपर रखा जाता है।
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तस्वीरों में दिखा खौफनाक मौत का भयावह मंजर
बता दें कि पहले के सैटेलाइट चित्रों में सऊदी अस्पताल और बच्चों के अस्पताल के पास सफेद धब्बे दिखे, जिन्हें शोधकर्ताओं ने शव बताया। वहीं, जमीन पर खून के निशान भी देखे गए। आरएसएफ ने इन हत्याओं से इनकार किया है, लेकिन भागे हुए लोगों की गवाही, ऑनलाइन वीडियो और तस्वीरें कुछ और ही कहानी कहती हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एल-फाशेर के उत्तरी हिस्से में भी बड़ी संख्या में शवों और जले हुए वाहनों के निशान मिले हैं। कुछ वीडियो में आरएसएफ के लड़ाके उन इलाकों में घूमते और घायल लोगों पर गोली चलाते दिखे। आरएसएफ ने दावा किया कि उसने एक ऐसे लड़ाके को गिरफ्तार किया है जिसे निहत्थे कैदियों को मारते हुए देखा गया था।
हिंसा का सही पैमाना जानना मुश्किल
क्षेत्र में संचार व्यवस्था ध्वस्त है, जिससे मौतों की सटीक संख्या का अनुमान लगाना कठिन है। मारे गए लोगों में डॉ. आदम इब्राहिम इस्माइल भी शामिल हैं, जिन्हें आरएसएफ ने शहर में प्रवेश के दौरान पकड़कर गोली मार दी।संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने कहा है कि एल-फाशेर में हुए अपराधों के लिए जवाबदेही तय करने की ज़रूरत है, क्योंकि “जो हो रहा है, वह बेहद भयावह है।” अब जब शवों को दफनाया जा चुका है, तो जांच और मुश्किल हो गई है।
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एल-ओबेद में ड्रोन हमला, 40 से ज्यादा की मौत
इसी बीच, एल-ओबेद शहर में हुए एक ड्रोन हमले में कम से कम 40 लोगों की मौत और दर्जनों घायल हुए हैं। स्थानीय मीडिया ने इसके लिए आरएसएफ को जिम्मेदार ठहराया है, हालांकि उसने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली। सूडान में अप्रैल 2023 से शुरू हुए युद्ध में अब तक 40,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, और 1.4 करोड़ से अधिक लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। कई क्षेत्रों में भुखमरी और बीमारियाँ फैल चुकी हैं।विश्व खाद्य कार्यक्रम (डब्ल्यूएफपी) ने चेतावनी दी है कि सूडान में लोग कई दिनों तक खाना नहीं खा पा रहे हैं और बच्चों में गंभीर कुपोषण के मामले बढ़ रहे हैं। एजेंसी के अनुसार, “यह सब सीधे तौर पर युद्ध और हिंसा का नतीजा है।”











