सर्दी के आगमन में देरी।
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देश से मानसून की विदाई हो गई हैं। ऐसे में एक बार फिर मौसम ने करवट ली है। राजधानी दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में गर्मी का असर फिर देखने को मिल रहा है। तेज धूप, उमस के साथ तापमान में बढ़ोतरी ने लोगों को परेशान कर दिया है। आमतौर पर अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही मौसम में ठंड का एहसास शुरू हो जाता है। लेकिन मौसम में बदलाव के चलते लोगों को गर्मी और उमस झेलनी पड़ रही है।
आमतौर पर मानसून की विदाई 17 सितंबर से शुरू हो जाती है। एक सप्ताह के भीतर यह दिल्ली से भी वापस चला जाता है। मगर इस बार इसकी वापसी आठ से दस दिनों के बाद हो रही है। इसके चलते अनुमान है कि इस बार अक्टूबर सामान्य से अधिक गर्म रहेगा। अरसे बाद 137 दिनों तक बिना ब्रेक मानसून की सघन सक्रियता का असर शीत ऋतु पर भी पड़ सकता है।हालांकि यह काफी हद तक पश्चिमी विक्षोभ पर निर्भर करेगा। हाल ही में मौसम विभाग ने दिसंबर-जनवरी के दौरान उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड का अनुमान जताया था, लेकिन निजी मौसम एजेंसी स्काईमेट का कहना है कि पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने पर ही ठंड बढ़ेगी।
मौसम के वैज्ञानिकों का कहना है कि, पश्चिमी प्रशांत महासागर में अलनीनो के कमजोर पड़ने एवं ला-नीना के सक्रिय होने की प्रक्रिया भी आगामी दिनों में शुरू होगी, जो ठंड को बढ़ाने में सहायक हो सकती है। लेकिन कब से ठंड शुरू होगी इसके लिए एकदम सटीक अनुमान लगाना अभी मुश्किल है। ला-नीना के कारण सामान्य तौर पर तापमान में गिरावट आती है। सर्दियों में भी इसके चलते अधिक वर्षा होती है, जिससे देश के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में तापमान सामान्य से कुछ कम हो जाता है।
मौसम का पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहना है कि जब मानसून जाने लगता है तो आसमान साफ हो जाता है, इसलिए तापमान बढ़ जाता है। अगले कुछ दिनो में काफी हद तक गर्मी से राहत की उम्मीद की जा सकती है। क्योंकि पश्चिम से शुष्क हवाएं आने लगेंगी जिससे नमी कम हो जाएगी। हालांकि, यह तापमान को तुरंत नीचे नहीं लाएगा, लेकिन उमस भरे मौसम से लोगों को कुछ राहत जरूर मिलेगी। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह से तापमान गिरना शुरू होगा। अक्टूबर के तीसरे सप्ताह तक हल्की ठंडक की उम्मीद की जा सकती है, और जब पहाड़ों में बर्फबारी होगी तो ठंड बढ़ जाएगी।
इस बार पड़ेगी ज्यादा ठंड
इस बीच मौसम विभाग का यह भी कहना है कि इस साल कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। मौसम विभाग का अनुमान है कि उत्तर भारत, खासकर दिल्ली-एनसीआर और आसपास के क्षेत्रों में इस बार कड़ाके की ठंड पड़ने की संभावना है। इसकी वजह है अक्टूबर-नवंबर के दौरान ला नीना के एक्टिव होने की संभावना। मौसम विभाग के अनुसार अक्टूबर-नवंबर में ला नीना की स्थिति बनने की 71 प्रतिशत संभावना है। हालांकि मौसम विभाग का यह भी कहना है कि ठंड कितनी पड़ेगी इसका सटीक पूर्वानुमान नवंबर में ही लग पाएगा। ला नीना के इसी महीने एक्टिव होने पर दिसंबर और जनवरी के महीने में कड़ाके की ठंड पड़ सकती है। ला नीना की वजह से आमतौर पर तापमान में गिरावट आती है। सर्दियों में भी इसकी वजह से अधिक बारिश होती है।