अपूर्व मेहता
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वन असफलता और हार का सामना करने के महत्व पर बल देती है। इसका मतलब है कि जीवन में गिरना स्वाभाविक है, लेकिन जरूरी है कि हम हर बार गिरने के बाद दोबारा उठ खड़े हों और आगे बढ़ते रहें। यह हमें प्रेरित करती है कि हम हार न मानें और कठिन परिस्थितियों में भी हौसला बनाए रखें। ऐसे ही बुलंद हौसले वाले इन्सान हैं इंस्टाकार्ट के संस्थापक और हेल्थ-टेक स्टार्टअप क्लाउड हेल्थ सिस्टम के सीईओ अपूर्व मेहता।
अपूर्व के पास सप्लाई चेन इंजीनियर के तौर पर उद्यमशीलता की महत्वाकांक्षाएं तो थीं, लेकिन इसके लिए विचार नहीं था कि वह इसे कैसे अमल में लाएं? बीस से ज्यादा स्टार्टअप में असफल होने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और रेफ्रिजरेटर से प्रेरणा लेकर अरबों डॉलर की कंपनी खड़ी कर दी। आज उन्होंने 1.3 अरब डॉलर की कुल संपत्ति के साथ स्व-निर्मित अरबपतियों के बीच अपनी जगह बनाई है। उनकी कहानी उन तमाम युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो एक-दो प्रयास में ही खुद को असफल मानकर प्रयास करना बंद कर देते हैं।
कई स्टार्टअप में आजमाया हाथ
अपूर्व मेहता का जन्म 1986 में हुआ था। अपूर्व ने वाटरलू विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। उन्होंने दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन में बतौर सप्लाई-चेन इंजीनियर काम किया है। फर्म में दो साल तक काम करने के बाद अपूर्व ने अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए जॉब छोड़ दी।
अमेजन से पहले उन्होंने क्वालकॉम और ब्लैकबेरी जैसी कंपनियों में भी काम किया था। लेकिन एकमात्र चुनौती यह थी कि उनके पास स्टार्टअप के लिए कोई स्पष्ट योजना नहीं थी। यही वजह थी कि उन्होंने कई स्टार्टअप में हाथ तो आजमाया, लेकिन हर जगह असफलता ही मिली। गेमिंग कंपनियों के लिए विज्ञापन स्टार्टअप से लेकर वकीलों के लिए सोशल नेटवर्क तक अपूर्व मेहता ने उद्यमशीलता के कई प्रयास किए, लेकिन उनमें से कोई बड़ी सफलता नहीं दे सका। लेकिन निराशा को उन्होंने जोश में बदला और अगले प्रयास में जुट गए।
डिलीवरी बॉय और सीईओ
अपूर्व मेहता के पास एक फ्रिज था। यही उनके लिए गेम चेंजर साबित हुआ। उस समय घर में ग्रोसरी (किराना) का कम होना सामान्य बात थी। वह जब भी अपना रेफ्रिजरेटर खोलते, तो उन्हें खाली रैक ही दिखाई देते। हालांकि, लोग उस दौरान ऑनलाइन शॉपिंग की ओर रुख कर चुके थे, लेकिन किराना का क्षेत्र अब भी इससे अछूता था।
इसी ने उन्हें ऑनलाइन डिलीवरी मार्केट में दिखने वाला भविष्य नजर आया। मेहता ने इस अवसर को पहचाना और किराना बाजार को ऑनलाइन मार्केट से जोड़ने का निर्णय लिया। इस प्रकार 2012 में इंस्टाकार्ट की शुरुआत हुई। शुरूआती दौर में उनके पास न तो कार थी और न ही कोई बाइक। इसीलिए वह घर-घर जाकर खुद ही सामान की डिलीवरी करते थे।
नई सोच, नया स्टार्टअप
भारत में पैदा हुए और लीबिया में पले-बढ़े अपूर्व किराना जगत में अपनी पहचान बनाने के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की ओर रुख किया है। उनकी नई कंपनी क्लाउड हेल्थ सिस्टम्स का उद्देश्य पुरानी बीमारियों का समाधान करना है। जो अपूर्व कभी खुद नौकरी करते थे, अब वह अपनी कंपनी के जरिये 23 हजार से अधिक लोगों को नौकरी दे रहे हैं।
कोविड महामारी के दौरान कंपनी की सफलता और कमाई अपने शीर्ष पर थी। हालांकि, नए क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान बनाने के उद्देश्य से अपूर्व ने साल 2023 में इंस्टाकार्ट की अपनी 10 फीसदी हिस्सेदारी बेच दी और आईपीओ के साथ, सीईओ के पद से हटने के बाद कंपनी का कार्यकारी अध्यक्ष का पद भी छोड़ दिया। बावजूद इसके वह इंस्टाकार्ट के सबसे बड़े व्यक्तिगत शेयरधारक बने रहेंगे।
युवाओं को सीख
- खुद पर विश्वास रखें, क्योंकि आप अपनी सबसे बड़ी क्षमता को अनलॉक करने की शक्ति रखते हैं।
- शिक्षा का अर्थ केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं है, यह आपके जीवन को बदलने के बारे में भी है।
- असफलता को सफलता की सीढ़ी के रूप में स्वीकार करें। हर ठोकर सीखने और बढ़ने का एक अवसर है।
- नौतियां बाधाएं नहीं हैं, बल्कि आपके दृढ़ संकल्प को साबित करने के अवसर हैं।
- सीखना एक आजीवन साहसिक कार्य है। प्रत्येक दिन कुछ नया खोजने के अवसर के रूप में स्वीकार करें।