सांकेतिक तस्वीर
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आईजीआरएस पोर्टल में गलत आख्या अपलोड करने पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के आदेश पर लेखपाल देवेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया गया। आरोप है कि लेखपाल ने शिकायतकर्ता का सह खाते से नाम हटाकर बंटवारा कर दिया और गलत आख्या पोर्टल पर अपलोड कर दी। वहीं, सदर तहसील की लेखपाल के मामले में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर तीन दिन में रिपोर्ट मांगी गई है।
ग्राम ढाकापुरवा निवासी वेद प्रकाश ने ऑनलाइन शिकायत कर सरकारी बंटवारा कराने के लिए जिलाधिकारी से गुहार लगाई थी। एसडीएम बिल्हौर की कोर्ट में इस मामले में मुकदमा विचाराधीन था। एसडीएम ने लेखपाल और कानूनगो को आख्या देने के निर्देश दिए थे। आरोप है कि लेखपाल ने आख्या न देकर आईजीआरएस पर गलत रिपोर्ट अपलोड कर दी, जबकि मामले में चार सह खातेदार थे। आरोप यह भी है कि लेखपाल ने 20 हजार की रिश्वत लेकर वेद प्रकाश का नाम सह खाते से बाहर कर बंटवारा कर दिया। इसकी शिकायत डीएम से की गई थी। उन्होंने मामले को गंभीरता से लिया और एसडीएम बिल्हौर रश्मि लांबा को लेखपाल को निलंबित करने के आदेश दिए थे।
महिला लेखपाल के खिलाफ बैठी जांच
तहसील सदर में तैनात लेखपाल अरुणा द्विवेदी के खिलाफ जांच कमेटी गठित की गई है। संदीप सिंह पुत्र स्व. वीरेंद्र बहादुर सिंह निवासी ग्राम कला का पुरवा रामपुर भीमसेन ने शिकायत की थी कि अरुणा द्विवेदी व राजस्व कर्मी आलोक दुबे ने षड्यंत्र के तहत गलत तरीके से वरासत बनाकर जमीन खरीद ली। आलोक दुबे पर भी आरोप है कि उन्होंने रिंग रोड के लिए अधिग्रहीत की जा रही जमीन अपने परिजनों के नाम पर खरीदी और मुआवजा खुद ले लिया। मामले में डीएम ने अपर जिलाधिकारी न्यायिक, एसडीएम सदर, सहायक पुलिस आयुक्त, कोतवाली की टीम गठित कर 15 दिन में जांच कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए। बता दें कि अरुणा द्विवेदी मसवानपुर स्थित जमीन में गलत रिपोर्ट लगाने के मामले में निलंबित चल रही थीं, जो अभी तक बहाल नहीं हुई हैं।