सोनभद्र। मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय द्वारा राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के अन्तर्गत संचालित किशोरी सुरक्षा योजना के तहत कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय -उरमौरा एवं पी०एम०श्री० राजकीय बालिका विद्यालय-राबर्ट्सगंज में सेनेटरी पैड का वितरण किया गया तथा किशोरियों को संदेश देते हुए कहा कि माहामारी एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, हर किशोरियों के जीवन में यह एक महत्वपूर्ण परिवर्तन लाता है। पुरुष के शरीर की संरचना एवं स्त्री की शरीर की संरचना अलग-अलग होती उसमें कुछ फिजियोलाजिकल परिवर्तन होते हैं। उस परिवर्तन के प्रक्रिया में माहवारी भी शामिल है। पुराने समय में हमारे समाज में बहुत सारे अंधविश्वास व्याप्त थे। जैसे-बच्चों को नहाना नहीं है, घर से बाहर नहीं निकलना है, किचन में नहीं जाना है इत्यादि, इसके पिछे एक तर्क दिया जाता था कि माहवारी के दौरान किशोरियां घर से बाहर नहीं निकलेंगी या उनका बाहर आना-जाना कम होगा तो उस दौरान होने वाले संक्रामक से बचे रहेंगी, लेकिन वर्तमान समय में अब वो परिस्थितियां नहीं रह गयी है, अब तमाम् तरह की सुविधाएं उपलब्ध हो चुकी है अब हमें यह सोचना है कि माहवारी के दौरान हम अपने स्वास्थ्य और स्वच्छता का किस तरह से प्रबन्धन करते हैं जिसके लिये सरकार हर वर्ग किशोरियों के लिये सेनेटरी पैड का मुफ्त वितरण कर रही है। उन्होनें किशोरियों को प्रोत्साहित करते हुए कहां कि लड़कियां आज हर क्षेत्र में चाहें वह आर्मी हो, नेवी हो, चिकित्सा क्षेत्र हो तथा विज्ञान व तकनीकी क्षेत्र हो, सभी क्षेत्रों में लड़कियां बहुत आगे निकल गयी हैं। अन्त में उन्होंने किशोरियों को स्वस्थ्य रहने के चार-मूल मंत्र दिये, पहला-सन्तुलित आहार जिसमें हमें प्रोटीन, विटामिन्स, कार्बो हाइर्डेड, खनिज लवण, वशा तथा पानी की प्रचुर मात्रा प्रतिदिन लेनी चाहिए, कोशिश करे की कार्बोहाइडेंट युक्त भोज्य पदार्थ का कम से कम सेवन करें। दूसरा-नियमित व्यायाम प्रत्येक व्यक्ति को प्रतिदिन 45 मिनट से 1 घण्टे तक व्यायाम करना चाहिए, तीसरा-पर्याप्त आराम 6 से 7 घण्टे अच्छी नींद लेने की आवश्यकता है तथा चैथा सकारात्मक सोच। जीवन में अगर आगे बढ़ना है तो अपने आस-पास सकारात्मकता बनाये रखिये। सकारात्मक चीज पढ़ियें, सकारात्मक चीज देखिये, सकारात्मक चीज सुनिये तथा सकारात्मक लोगों के बीच में रहिये।
कार्यक्रम में उपस्थित महिला चिकित्साधिकारी डा० संगीता त्रिपाठी ने बताया कि मासिक धर्म योनि से होने वाला रक्तस्राव है जो महीने में एक बार होता है यह मासिक धर्म चक्र का एक सामान्य प्रक्रिया है। मासिक धर्म आमतौर पर 21 से 35 दिनों के अन्तराल पर आता है। ज्यादातर किशोरियों में मासिक धर्म में 3 से 7 दिनों तक रक्तस्राव होता है, यह हल्का या भारी हो सकता है इसका रंग चमकीले लाल से हल्के भूरे रंग का हो सकता है आमतौर पर रक्त का प्रवाह प्रारम्भ में तेज होता है और फिर धीरे धीरे हल्का हो जाता है। इसमें छोटे-छोटे रक्त के थक्के भी दिख सकते हैं। कुछ किशोरियों में मासिक धर्म से पहले और मासिक धर्म के दौरान कुछ लक्षण दिखाई देते हैं जैसे-पेट में सूजन या वजन बढ़ना, कब्ज या दस्त सिर दर्ज, स्तन सूजन और दर्ज, मुहासा थकान, मन में बदलाव व और चिड़चिड़ापन इत्यादि लक्षण दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि यदि किसी की आयु 16 वर्ष या उससे अधिक होने पर भी मासिक धर्म शुरू न हुआ हो, रक्तस्राव 8 दिनों से अधिक समय तक रहता है, मासिक धर्म के बीच का अन्तराल 3 सप्ताह से कम या 2 महिने से अधीक हो, मासिक धर्म के दौरान बहुत ज्यादा दर्द हो, मासिक धर्म 6 महिने से अधिक समय से बन्द हो इसका कारण न पता हो तो स्त्रीरोग विशेषज्ञ से अवश्य परामर्श लेना चाहिए। अन्त में मासिक धर्म के सम्बन्ध में किशोरियों द्वारा कुछ सवाल पुछे गये जिनका मुख्य चिकित्साधिकारी महोदय एवं डा० संगीता त्रिपाठी द्वारा समस्त सवालों का जवाब देकर किशोरियों के समस्याओं का समाधान किया गया।