सोनभद्र/एबीएन न्यूज। श्रमिकों के कल्याण के लिए संचालित “कन्या विवाह सहायता योजना” में शासन द्वारा महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। इस संबंध में उप श्रमायुक्त ए.के. सिंह ने जानकारी दी कि संशोधित प्रावधानों के तहत अब किसी भी पंजीकृत निर्माण श्रमिक का पंजीकरण कम से कम एक वर्ष पुराना होना आवश्यक होगा। साथ ही आवेदन के समय पंजीकरण का नवीनीकरण अद्यतन होना अनिवार्य रहेगा।
उक्त योजना के अंतर्गत पंजीकृत निर्माण श्रमिक स्वयं अथवा अपनी पुत्री के विवाह के छह माह के भीतर आवश्यक अभिलेखों सहित आवेदन कर सकते हैं। आवेदन जनसेवा केंद्र या बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से किया जाएगा। विवाह की पुष्टि हेतु विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र की स्व-प्रमाणित प्रति संलग्न करना अनिवार्य होगा।
श्रमिक को शपथ पत्र देना होगा कि उसने योजना की सभी पात्रता शर्तें पूरी की हैं और वह किसी अन्य समान योजना का लाभ नहीं ले रहा है। पात्र पाए जाने पर श्रमिक को निम्नानुसार आर्थिक सहायता दी जाएगी—
₹65,000 – पंजीकृत महिला श्रमिक अथवा श्रमिक की पुत्री के विवाह हेतु।
₹75,000 – अंतर्जातीय विवाह की स्थिति में।
₹85,000 – सामूहिक विवाह में (कम से कम 11 जोड़े एक साथ विवाह करें)।
इसके अलावा, सामूहिक विवाह आयोजन में होने वाले व्यय हेतु ₹15,000 प्रति जोड़ा आयोजनकर्ता को प्रदान किए जाएंगे। विवाह समारोह में वर-वधू व उनके पक्ष के पांच-पांच व्यक्तियों के लिए नाश्ता, मिष्ठान और भोजन की व्यवस्था की जाएगी।
यदि किसी व्यक्ति द्वारा कूटरचित दस्तावेजों या गलत जानकारी देकर योजना का लाभ लिया जाता है, तो वसूली भू-राजस्व बकाया की तरह की जाएगी। योजना का लाभ केवल दो पुत्रियों तक सीमित रहेगा, चाहे श्रमिक की संतानें दो से अधिक क्यों न हों। संशोधित प्रावधान 13 अक्टूबर 2025 से प्रभावी होंगे। उप श्रमायुक्त ने जनपद सोनभद्र, मिर्जापुर और भदोही के पंजीकृत निर्माण श्रमिकों से अपील की है कि वे पात्रता की स्थिति में समस्त अभिलेखों सहित जनसेवा केंद्रों के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन सुनिश्चित करें।
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