Israel Palestine War : आयरलैंड, नॉर्वे और स्पेन ने इजरायल को बड़ा झटका दिया है. इन देशों ने फिलिस्तीन को एक राज्य के रूप में मान्यता देने के अपने फैसले की घोषणा की है, जिससे नाराज होकर इजरायल ने आयरलैंड और नॉर्वे से अपने राजदूतों को तत्काल प्रभाव से वापस बुला लिया है. इस पर बुधवार को इजरायल के विदेश मंत्री इजराइल काट्ज ने भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा, मैं आयरलैंड और नॉर्वे को एक स्पष्ट और साफ संदेश भेज रहा हूं. इजरायल अपनी संप्रभुता को कमजोर करने और इसकी सुरक्षा को खतरे में डालने वालों के सामने चुप नहीं रहेगा. काट्ज ने स्पेन को भी चेतावनी दी और कहा कि उसके खिलाफ भी ऐसा ही कदम उठाया जाएगा.
इजरायल का आया बयान
दरअसल, स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज ने भी बुधवार को घोषणा में कहा कि उनका देश भी 28 मई से फिलिस्तीनी को राज्य के रूप में मान्यता देगा. इजरायल के विदेश मंत्री काट्ज ने कहा कि इनकी ये मूर्खता हमें रोक नहीं सकती है. हम अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए तैयार हैं. हमारे नागरिकों के लिए सुरक्षा बहाल करना, हमास को खत्म करना और बंधकों को घर वापस लाना टारगेट में शामिल है. इससे बढ़कर हमारे लिए कुछ नहीं है.
‘अब कथनी और करनी का समय आ गया’
स्पेन के प्रधानमंत्री ने संसद को संबोधित करते हुए कहा कि स्पेनिश लोगों के बहुमत को ध्यान में रखते हुए अगले मंगलवार (28 मई) को स्पेन मंत्रिपरिषद फिलिस्तीन को राज्य की मान्यता को मंजूरी देगा. शांति, न्याय और सुसंगति के लिए अब कथनी से करनी की ओर बढ़ने का समय आ गया है. वहीं, आयरिश प्रधानमंत्री साइमन हैरिस ने बुधवार को कहा कि इजरायल, फिलिस्तीन और उनके लोगों के बीच शांति और सुरक्षा के लिए टू स्टेट सॉल्यूशन ही एकमात्र विश्वसनीय मार्ग है. उन्होंने कहा, आज आयरलैंड फिलिस्तीन को राज्य के रूप में मान्यता देता है. हमारा मानना है कि ये मान्यता मध्य पूर्व में शांति और सुलह में योगदान देगी.
नॉर्वे के प्रधानमंत्री जोनास गहर स्टोर ने भी अपना बयान जारी किया. उन्होंने कहा, उनका देश इस उम्मीद में एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता देगा कि इससे इजरायल के साथ शांति लाने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि युद्ध के बीच में हजारों लोगों की मौत और घायलों के साथ हमें एकमात्र ऐसी चीज को जीवित रखना चाहिए, जो इजरायल और फिलिस्तीनियों दोनों के लिए एक सुरक्षित घर प्रदान कर सके. बता दें कि फिलिस्तीन के गाजा में इजरायल और हमास के बीच 8 महीने से युद्ध चल रहा है, इसमें काफी लोगों की जान भी जा चुकी है। इससे पहले भारत ने भी फिलिस्तीन को अलग राज्य बनाने का समर्थन किया था.