बच्चों को बड़ा करना हंसी-खेल नहीं होता. हर उम्र के हिसाब से उन्हें ऐसी बातें सिखानी बेहद जरूरी होती हैं, जिनसे शारीरिक विकास के साथ-साथ उनका मानसिक विकास भी हो सके. ऐसे में बच्चे के साथ इमोशनल और मेंटल कनेक्शन बनाना बेहद जरूरी होता है. यह बात पैरेंटिंग के दौरान जरूर याद रखनी चाजिए.
ये बातें बच्चों को जरूर सिखाएं
जब आपका बच्चा पांच साल का हो जाए तो उसे जिंदगी से जुड़े कुछ बेसिक्स जरूर सिखाने चाहिए. इनमें उन्हें अपने इमोशंस को सही तरीके से जताने के लिए जरूरी वोकैब और कम्युनिकेशन स्किल्स के बारे में जानकारी देनी चाहिए. इससे बच्चे मानसिक रूप से मजबूत होते हैं और अपने मन की बात आसानी से कह पाते हैं.
शारीरिक क्षमता के बारे में भी दें जानकारी
बच्चे जब छोटे होते हैं तो उन्हें अपनी शारीरिक क्षमता की जानकारी नहीं होती है. ऐसे में उन्हें ऐसी चीजें जरूर बतानी चाहिए, जिससे वे अपनी बॉडी बॉउंड्रीज को समझ सकें. साथ ही, दूसरे के स्पेस और बाउंड्रीज का सम्मान करने के बारे में भी सिखाना चाहिए.
बात करने का तरीका भी बताएं
जब बच्चे छोटे होते हैं तो उन्हें यह पता नहीं होता कि कब क्या बोलना है और कैसे बोलना है. ऐसे में उन्हें बताना चाहिए कि अलग-अलग जगह पर किस हिसाब से बातचीत करनी चाहिए. कैसे उन्हें कुछ कहने से पहले थोड़ा-सा ब्रेक लेना चाहिए या रुकना चाहिए. इससे उन्हें सोचने-समझने का मौका मिल जाता है और वे अपनी बात को अच्छी तरह रख पाते हैं.
गलतियों से सीखने के बारे में जरूर बताएं
बच्चा जब छोटा होता है, तब वह रोजाना कोई न कोई गलती करता है. ऐसे में उसे कभी डांटना नहीं चाहिए. हमें उन्हें समझाना चाहिए कि अपनी गलतियों से किस तरह सीख लेनी चाहिए. जब बच्चा पांच साल का हो जाता है, तब यह प्रैक्टिस जरूर करनी चाहिए. इससे बच्चों में लगातार सीखने की क्षमता बढ़ती है और वे अपने गोल्स को लेकर ज्यादा फोकस्ड हो जाते हैं.
बच्चों को जरूर सिखाएं शेयरिंग करना
बच्चे अपनी चीजों को लेकर काफी इंटोवर्ड होते हैं. वे अपनी चीजें दूसरों के साथ शेयर करने से काफी ज्यादा कतराते हैं. जब आपका बच्चा पांच साल का हो जाए तो उसे शेयरिंग के बारे में जरूर सिखाएं. इसके अलावा यह भी बताएं कैसे उन्हें अपने परिवार और समाज के लिए काम करना है. इससे बच्चे जागरूक होते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को समझते हैं. ये चीजें बच्चों को समझदार भी बनाती हैं और वे चीजों को जल्दी समझने लगते हैं.
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