विदेश मंत्री एस. जयशंकर
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रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में हाल ही में दो भारतीय नागरिकों के मारे जाने की खबर मिली है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को इस बारे में एक बयान जारी कर जानकारी दी। साथ ही कहा कि दोनों भारतीय नागरिकों रूसी सेना में भर्ती किया गया था। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत ने रूस के साथ इस मामले को दृढ़ता से उठाया है और रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी की मांग की है।
रूसी अधिकारियों के साथ मामले को उठाया
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, हमारे दूतावास ने रक्षा मंत्रालय सहित रूसी अधिकारियों पर शवों को शीघ्र वापस लाने के लिए कहा है। रिपोर्टों के अनुसार, कई भारतीय रूसी सेना में सुरक्षा सहायक के रूप में काम कर रहे हैं और उन्हें यूक्रेन के साथ रूस की सीमा के कुछ क्षेत्रों में रूसी सैनिकों के साथ लड़ने के लिए मजबूर किया गया था। विदेश मंत्रालय और मॉस्को में भारतीय दूतावास ने रूसी सेना में शामिल सभी भारतीय नागरिकों की शीघ्र रिहाई और वापसी के लिए नई दिल्ली में रूसी राजदूत और मॉस्को में रूसी अधिकारियों के साथ मामले को दृढ़ता से उठाया है। भारत ने यह भी मांग की है कि रूसी सेना द्वारा हमारे नागरिकों की किसी भी आगे की भर्ती पर रोक लगाई जाए। ऐसी गतिविधियां हमारी साझेदारी के अनुरूप नहीं होंगी। साथ ही विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से भी आग्रह किया है कि वह रूस में रोजगार के अवसर तलाशते समय सावधानी बरतें।
बता दें कि राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आदेश पर रूसी सैनिकों ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर बड़े स्तर पर हमला करना शुरू कर दिया था। हालांकि, रूसी सैन्य शक्ति के मुकाबले काफी कमजोर यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने भी हार नहीं मानी। यूक्रेन सैनिकों ने भी रूस को मुंहतोड़ जवाब दिया। रूस-यूक्रेन युद्ध को दो साल बीच चुके हैं। इस युद्ध में लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। हालांकि, दो साल बीत जाने के बाद भी इस युद्ध पर विराम लगता दिखाई नहीं दे रहा है।