लखनऊ। राहत आयुक्त ने बताया कि शनिवार रात करीब आठ बजे राज्य स्तरीय इमरजेंसी ऑपरेशन सेंटर को नेपाल में मूसलाधार बारिश के बाद देवघाट बैराज से 5,71,850 क्यूसेक पानी छोड़े जाने की सूचना मिली। इस पर कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा को बड़ी गंडक में बाल्मीकि नगर बैराज द्वारा 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने की संभावना पर तहसील खड्डा के गांवों के प्रभावित होने की तत्काल जानकारी दी गयी। इसके बाद कुशीनगर जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने अपनी टीम के साथ तहसील खड्डा के प्रभावित 13 गांवों का निरीक्षण किया। साथ ही गांववासियों से गांव को खाली करने की अपील की। उन्होंने बताया कि निरीक्षण के दौरान तहसील खड्डा के नारायणपुर के एक टापू पर कुछ लोगों के साथ मवेशियों के फंसे होने की जानकारी मिली, जिसके बाद एनडीआरएफ और पीएसी की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रेस्क्यू टीम ने घंटों की कड़ी मशक्कत के बाद 76 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस दौरान टीम ने 20 मवेशियों को भी सुरक्षित बचाया। वहीं बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। यहां पर उन्हे पौष्टिक और गरम खाने के साथ अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायी जा रही है। इसके साथ ही ग्रामीणों के मवेशियों के लिए विशेष इंतजाम किये गये हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार सुबह तड़के नेपाल से छोड़े गये पानी से प्रभावित श्रावस्ती और कुशीनगर के जिलाधिकारियों से बातचीत कर स्थिति की जानकारी हासिल की। उन्होंने सीएम को बताया कि रेस्क्यू कर 87 लोगों के साथ 20 मवेशियों को भी बचाया गया है। इस पर सीएम योगी ने सभी जिलाधिकारियों को बाढ़ के पानी से क्षतिग्रस्त फसल का 24 घंटे के अंदर सर्वे कराकर शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिये। इसके अलावा उन्होंने शासनस्तर के अधिकारियों से बात कर क्षतिग्रस्त फसलों की रिपोर्ट मिलते ही तत्काल मुआवजा देने का आदेश दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाढ़ की स्थिति को देखते हुए प्रभावित जिलों के अधिकारी क्षेत्र का भ्रमण कर राहत कार्य पर नजर रखें और प्रभावित लोगों को मदद प्रदान करें। उन्होने आपदा से हुई जनहानि से प्रभावित परिवारों को अनुमन्य राहत राशि अविलंब प्रदान किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के घरों को नुकसान पहुंचा अथवा पशु हानि हुई, ऐसे प्रभावितों को तत्काल अनुमन्य वित्तीय सहायता प्रदान की जाए।