प्रतीकात्मक तस्वीर
– फोटो : ANI
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हादसे में टोयोटा फार्च्यूनर का एयरबैग न खुलने के मामले में सुनवाई करते हुए राज्य उपभोक्ता आयोग ने कंपनी को 20 लाख रुपये क्षतिपूर्ति, एक लाख रुपये हर्जाना और 25 हजार रुपये वाद व्यय के रूप में देने का आदेश दिया। आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति अशोक कुमार ने यह फैसला सुनाते हुए इस पर वर्ष 2018 से 9 फीसदी सालाना ब्याज भी देने का आदेश दिया है। इस तरह कंपनी को ब्याज समेत करीब 31 लाख रुपये देने होंगे। मामला रायबरेली से जुड़ा है।
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रायबरेली के जिला पंचायत अध्यक्ष अवधेश बहादुर सिंह की ओर से आयोग में आयोग में दायर परिवाद के मुताबिक 10 नवंबर 2018 को उनके बेटे को अमौसी एयरपोर्ट छोड़ने उनका ड्राइवर और गार्ड जा रहे थे। बछरावां के पास अचानक सड़क पर तेल टैंकर के आने से फार्च्यूनर अनियंत्रित हो गई और बिजली के खंबे से टकराकर बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसा इतना भीषण था कि कार में बैठे सुरक्षा गार्ड की कार्बाइन दो टुकड़ों में टूट गई और तीनों लोग घायल हो गए, लेकिन गाड़ी के एयरबैग नहीं खुले।
हादसे के छह दिन बाद सरकारी सर्वेयर ने निरीक्षण कर रिपोर्ट दी कि हादसे की गंभीरता को देखते हुए एयरबैग खुलने चाहिए थे। कंपनी ने भी आश्वासन दिया, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की। इससे आहत अवधेश ने डीलर सनी टोयोटा व कंपनी पर सेवा में कमी का आरोप लगाते हुए आयोग में दावा कर क्षतिपूर्ति की मांग की। उन्होंने आयोग में रिपोर्ट सहित हादसे की तस्वीरें पेश कीं। साथ ही दुनियाभर में कंपनी की तमाम गाड़ियों में इस खामी से वापस लेने संबंधी तथ्य पेश किए। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद आयोग ने माना कि हादसे की भयावहता को देखते हुए एयरबैग खुलने चाहिए थे और ये सेवा में कमी है। इसके एवज में कंपनी को ब्याज मिलाकर कुल 31 लाख रुपये देने का आदेश दिया।