अंजेम चौधरी
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ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक अंजेम चौधरी को आतंकवादी संगठन को निर्देशित करने के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। 57 वर्षीय अंजेम चौधरी को पिछले हफ्ते अल-मुहाजिरौन (एएलएम) को निर्देशित करने के लिए दोषी ठहराया गया था। एएलएम पर एक दशक पहले प्रतिबंध लगा दिया गया था। जज मार्क वॉल ने ब्रिटिश-पाकिस्तानी उपदेशक को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इसके तहत उन्हें 28 साल से पहले पैरोल तक नहीं मिल पाएगी।
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अंजेम चौधरी पर हिंसा फैलाने का आरोप
जज ने चौधरी से लंदन के वूलविच क्राउन कोर्ट में कहा कि एएलएम जैसे संगठन ऑनलाइन बैठकों के माध्यम से हिंसा को सामान्य बनाते हैं। उन्होंने संगठन को लेकर आगे कहा, “उनका मकसद उन लोगों को कार्य करने के लिए साहस देना है, जो उनके सदस्य हैं। वे उन लोगों के बीच दरार पैदा करते हैं, जो आपस में एकता बनाकर रहते हैं।” अभियोजक टॉम लिटिल के अनुसार, जब संगठन के लीडर को 2014 में लेबनान की जेल में डाल दिया गया, उसके बाद अंजेम चौधरी इस संगठन का केयरटेकर अमीर बन गया।
ब्रिटेन, अमेरिका और कनाडा की पुलिस ने संयुक्त जांच के बाद सबूत इकट्ठा किया। सबूत के अनुसार, चौधरी अपने अनुयायियों के साथ ऑनलाइन भाषणों के जरिए न्यूयॉर्क में एएलएम को चला रहा था। अभियोजक ने कहा कि इस समूह ने न्यूयॉर्क स्थित इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी समेत कई नामों के साथ काम किया।
2016 में भी मिली थी सजा
न्यूयॉर्क के डिप्टी पुलिस कमिश्नर रेबेका वीनर ने इस मामले को एतिहासिक बताते हुए कहा कि इस्लामिक थिंकर्स सोसाइटी एएलएम यूएस की ही शाखा है। चौधरी को उसके एक साथी खालेद हुसैन के साथ दोषी ठहराया गया है। हुसैन को पांच साल की सजा सुनाई गई है।इससे पहले चौधरी को 2016 में आईएसआईएस के समर्थन को प्रोत्साहित करने के लिए सजा सुनाई गई थी, लेकिन 2018 में सजा की आधी अवधि काटने के बाद उसे रिहा कर दिया गया था।