प्रतीकात्मक तस्वीर
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उत्तर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में एक से दूसरे जिले में तबादला होकर आने वाले शिक्षकों की वेतन वृद्धि में हीलाहवाली करने वाले खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) पर कार्रवाई होगी। ऐसे 82 बीईओ को नोटिस जारी कर सप्ताह भर में जवाब मांगा गया है। जिन्होंने 2,700 शिक्षकों की वेतन वृद्धि के मामले को लटका रखा है।
विधान परिषद में शिक्षक दल के नेता ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाते हुए शिक्षकों के वेतन वृद्धि जारी कराने की मांग की थी। मुख्यमंत्री सचिवालय ने इस मामले में विभाग से जानकारी मांगी थी। इसी क्रम में विभाग ने संबंधित बीईओ से पूछताछ की है। इसमें पता चला कि ज्यादातर बीईओ ने वेतन वृद्धि संबंधी पत्रावलियों के लंबित होने का मुख्य कारण रिकॉर्ड न मिल पाना बताया है। जबकि विभाग ने असहमति जताते हुए कहा कि सभी की सेवा पुस्तिका ऑनलाइन हैं। ऐसे में शासन ने इन सभी बीईओ से जवाब मांगा है। जवाब से संतुष्ट न होने पर इनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है।
बता दें कि पिछले साल लंबी चली प्रक्रिया के बाद जून में परिषदीय विद्यालयों के 2,700 शिक्षकों का एक से दूसरे जिले में परस्पर तबादला किया था। ऐसे शिक्षक जिनके खिलाफ कोई कार्रवाई लंबित नहीं है, उन्हें वेतन वृद्धि का लाभ दिया जाना चाहिए था। मगर उन्हें इसका लाभ नहीं मिला। अब विभाग भी मामले में सक्रिय हुआ है।