पौराणिक मान्यता है कि मां कालरात्रि असुरी शक्तियों का विनाश करने वाली देवी मानी जाती है. मां काली की तरह ही देवी कालरात्रि ने दुष्टों और राक्षसों के दमन के लिए ही यह संहारक अवतार लिया था.
दुर्गा पूजा और शारदीय नवरात्रि में महासप्तमी का विशेष महत्व है. इस दिन देवी कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाना चाहिए, इससे वह जल्द प्रसन्न होती हैं.
देवी कालरात्रि को कुमकुम का तिलक लगाएं, लाल मौली, गुड़हल का फूल चढ़ाएं.ॐ कालरात्र्यै नम: का जाप करें. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मां कालरात्रि की साधना से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं.
मां कालरात्रि की पूजा का मंत्र – लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्त शरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोह लताकण्टकभूषणा। वर्धन मूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥
मां कालरात्रि की पूजा में नीले रंग के वस्त्र पहनें. देवी कालरात्रि की पूजा करने पर भक्तों की काल से रक्षा होती है. अकाल मृत्यु के भय नहीं रहता.
देवी कालरात्रि की पूजा में लाल चंदन की माला से मंत्रों का जप करें. अगर लाल चंदन नहीं है तो रुद्राक्ष की माला से भी माता (Maa kalratri) के मंत्रों का जप कर सकते हैं.
Published at : 08 Oct 2024 03:06 PM (IST)
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