पीएम मोदी से मुलाकात करते मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू। (फाइल)
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खस्ताहाल मालदीव सरकार को उम्मीद है कि 2025 में उसे विदेशी वित्तीय मदद का एक बड़ा हिस्सा मिलेगा। इसमें से उसे कुल विदेशी मदद का 72 फीसदी (करीब 1.6 अरब मालदीवियन रूफिया यानी 8.76 अरब रुपये) भारत से मिलने की उम्मीद है।
समाचार पोर्टल अधाधु डॉटकॉम की रिपोर्ट के मुताबिक, यह बात बृहस्पतिवार को द्वीप राष्ट्र की संसद में प्रस्तावित राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू सरकार के 2025 के प्रस्तावित बजट का हिस्सा है। इस प्रस्तावित बजट में राष्ट्रपति मुइज्जू के नेतृत्व वाली सरकार ने अंतरराष्ट्रीय अनुदान सहायता के तौर पर कुल 2.25 अरब मालदीवियन रूफिया (एमवीआर) यानी 12.32 अरब रुपये मिलने का अनुमान लगाया है।
चीन जापान, पाकिस्तान, सऊदी अरब और नीदरलैंड्स से भी उम्मीदें
मालदीव सरकार के इस बजट में भारत की मदद सबसे अहम है, क्योंकि उसे दूसरे सबसे बड़े सहयोगी चीन से लगभग 22 फीसदी मदद (कुल 2.74 अरब रूपये ) मिलने की उम्मीद है। इसके अलावा जापान, पाकिस्तान, सऊदी अरब और नीदरलैंड्स जैसे अन्य देश भी छोटी-मोटी आर्थिक मदद देंगे। साथ ही अतंरराष्ट्रीय संगठनों से करीब 1.84 अरब रुपये की मदद मिलने की भी संभावना है। भारत ने मालदीव के बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए पिछले पांच वर्षों में प्रमुख परियोजनाओं की शुरुआत की है।
भारत ने मालदीव को कर्ज चुकाने में दी है राहत
भारत ने हाल के समय में मालदीव को पर्याप्त आर्थिक मदद दी है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू की हालिया भारत यात्रा के दौरान, भारत ने 33.62 अरब रुपये की अतिरिक्त सहायता देने की घोषणा की और दोनों पक्षों ने 3,000 करोड़ रुपये के मुद्रा विनिमय समझौते पर भी हस्ताक्षर किये। इसके तहत जरूरत पड़ने पर मालदीव भारतीय मुद्रा में बड़ी रकम का इस्तेमाल कर सकता है। इसके अलावा,भारत ने पहले दिए गए एक ऋण 8.40 अरब रुपये की अदायगी अवधि को एक साल के लिए और बढ़ा दिया। इस कर्ज को मालदीव को मई और सितंबर में वापस करना था।
- भारत हमेशा से मालदीव की मदद करता रहा है। अगस्त 2022 में भारत ने मालदीव के लिए 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा की वित्तीय सहायता दी। इसके बाद नवंबर 2022 में भारत ने 100 मिलियन अमेरिकी डॉलर की अतिरिक्त वित्तीय सहायता दी है।
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