अनुरा कुमारा दिसानायके।
– फोटो : पीटीआई
विस्तार
राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पावर पार्टी (एनपीपी) गुरुवार को हुए श्रीलंकाई संसदीय चुनाव में भारी जीत की ओर अग्रसर है। इससे पहले स्थानीय समयानुसार शाम 4 बजे मतदान समाप्त हुआ। स्थानीय समयानुसार रात 11 बजे तक घोषित नतीजों के अनुसार एनपीपी ने 70 प्रतिशत वोट हासिल कर लिए हैं। मुख्य विपक्षी दल समागी जन बालावेगया (एसजेबी) को 11 प्रतिसत और पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे की समर्थित नेशनल डेमोक्रेटिक फ्रंट (एनडीएफ) को महज 5 प्रतिशत वोट मिले हैं।
विश्लेषकों ने जताई यह संभावना
विश्लेषकों का कहना है कि सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव की तुलना में एनपीपी ने अपने वोट शेयर में वृद्धि की है। अगर यह सिलसिला जारी रहा तो पार्टी 150 सीटों का आंकड़ा पार कर जाएगी और 225 सदस्यीय संसद में पूर्ण बहुमत हासिल कर लेगी। बता दें कि 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में पहली बार संसदीय चुनाव हुए हैं।
शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ मतदान
2.1 करोड़ की आबादी वाले श्रीलंका में 1.7 करोड़ से अधिक नागरिक पांच साल के कार्यकाल के लिए 225 सदस्यीय संसद के चुनाव के लिए मतदान के योग्य थे। लगभग 90,000 पुलिस और सेना के कर्मियों को सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। कुछ मामूली गलत प्रचार की घटनाओं को छोड़कर हिंसा की कोई खबर नहीं आई और चुनाव कुल मिलाकर शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।
8,800 उम्मीदवारों की किस्मत का होगा फैसला
इस चुनाव में 1.71 करोड़ मतदाता 8,800 उम्मीदवारों में से अपनी पसंद चुना है, इसके नतीजे शुक्रवार को घोषित किए जा सकते हैं। वहीं पूर्व राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, गोटबाया राजपक्षे और महिंदा राजपक्षे जैसे दिग्गज नेताओं ने चुनावी मुकाबले से बाहर रहने का फैसला किया है।
राष्ट्रपति दिसानायके को मजबूत बहुमत की उम्मीद
चुनाव पर्यवेक्षकों का अनुमान है कि सत्तारूढ़ एनपीपी को 113 सीटों का साधारण बहुमत मिलेगा। वहीं, कोलंबो में मतदान करने के बाद दिसानायके ने विश्वास जताया कि उनकी पार्टी बहुमत हासिल करेगी, हालांकि उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत जरूरी नहीं है। उन्होंने जोर दिया कि उनकी सरकार के प्रस्तावित कानून आम नागरिकों के हित में होंगे और उन्हें संसद में व्यापक समर्थन मिलेगा। दिसानायके ने श्रीलंका को एकजुट करने की प्रतिबद्धता जताते हुए कहा कि उनकी सरकार का उद्देश्य तमिल बहुल उत्तरी क्षेत्र सहित सभी क्षेत्रों के लोगों का भरोसा जीतना है।