बीपीएससी
– फोटो : Fb (@Bpsc बिहार लोक सेवा आयोग)
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बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा ली गई दूसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। यह हम नहीं बल्कि आर्थिक आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की जांच रिपोर्ट कह रही है। ईओयू ने टीआरई 3 पेपर लीक केस के चार्जशीट कोर्ट में जमा कर दी है। इस रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। कहा गया है कि शिक्षा माफियाओं ने टीआरई 3 से पहले टीआरई 2 का पेपर लीक किया था। इस परीचा में एक लाख 22 हजार अभ्यर्थी पास हुए थे।
टीआरई 2 की परीक्षा पिछले साल सात से 15 दिसंबर को हुई थी। टीआरई की जांच में खुलासा हुआ कि इस परीक्षा का प्रश्नपत्र विभिन्न जिलों तक ढोने वाली गाड़ियों में एक पिकअप का चालक भोजपुर का शिवकांत सिंह था। परीक्षा से पहले ही शिवकांत और राहुल प्रश्नपत्र लेकर पटना से मोतिहारी के लिए निकला था।
टीआरई 2 का प्रश्नपत्र ट्रांस्पोटेंशन के दौरान लीक कराया
पुलिसिया पूछताछ में शिवकांत ने खुलासा किया कि सराय टोल टैक्स पहुंचने पर राहुल ने गाड़ी रुकवा दी थी। वहां बिहार सरकार लिखी हुई दो गाड़ी स्कॉर्पियो और एल्ट्रोज आई। इसमें से सात लोग उतरे। फिर पिकअप से प्रश्नपत्र वाला एक बॉक्स उतारकर गाड़ी में रखा। सुमित पिकअप में बैठ गया। वहीं स्कॉर्पियो और एल्ट्रोज गाड़ी आगे निकल गई। इसके बाद शिवकांत और सुमित मोतिहारी रवाना हो गए। जब दोनों पिकअप लेकर मुजफ्फरपुर पहुंचे तो वहां पहले से स्कॉर्पियो और एल्ट्रोज वहां खड़ी थी। राहुल ने पिकअप से निकाला गया पेपर बॉक्स वापस से पिकअप में रख दिया। इसके बाद शिवकांत और सुमित पेपर लेकर मुजफ्फरपुर से मोतिहारी डीएम कार्यालय के लिए निकल गया। ईओयू की जांच में यह भी बताया गया कि शिवकांत को पेपरलीक कराने के लिए राहुल ने पांच हजार दिया था। वहीं जांच में यह भी पता चला कि टीआरई 2 का प्रश्नपत्र ट्रांस्पोटेंशन के दौरान लीक कराया गया था।
टीआरई 3 पेपरलीक केस में अब तक 266 गिरफ्तार
ईओयू के अनुसार, तीसरे चरण की शिक्षक भर्ती परीक्षा में अब तक 266 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। इस परीक्षा पेपर 15 मार्च को लीक हुआ था। इसके बाद पेपरलीक की खबर के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी। बीपीएससी ने फिर से परीक्षा लिया। 19 से 22 जुलाई तक परीक्षा चली। 15 नवंबर को इसका परीक्षा घोषित किया गया।