विश्व बैंक ने बुधवार को चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के विकास अनुमान को 4 प्रतिशत घटाकर 6.3 प्रतिशत कर दिया। वैश्विक आर्थिक कमजोरी और नीतिगत अनिश्चितता के बीच यह फैसला लिया गया है। विश्व बैंक ने अपने पिछले अनुमान में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया था।
विश्व बैंक ने साल में दो बार जारी की जाने वाली अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारत में वित्त वर्ष 2024-25 में वृद्धि निराशाजनक रही। इस दौरान निजी निवेश में धीमी वृद्धि हुई और सार्वजनिक पूंजीगत व्यय सरकारी लक्ष्यों को पूरा नहीं कर सके।
टैक्सिंग टाइम्स के दक्षिण एशिया वृद्धि दर अपडेट में कहा गया है, “भारत में, विकास दर वित्त वर्ष 2024-25 के 6.5 प्रतिशत से घटकर वित्त वर्ष 2025-26 में 6.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। ऐसा मौद्रिक सहजता और विनियामक सरलीकरण से निजी निवेश को होने वाले लाभ के वैश्विक आर्थिक कमजोरी और नीतिगत अनिश्चितता से प्रभावित की आशंका के कारण किया गया है।”
इससे पहले, मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भी चालू वित्त वर्ष के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद के अनुमान को जनवरी के 6.5 प्रतिशत से घटाकर 6.2 प्रतिशत कर दिया था।
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विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि कर कटौती से निजी उपभोग को लाभ मिलने की उम्मीद है। सार्वजनिक निवेश योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन से सरकारी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, लेकिन व्यापार नीति में बदलाव और वैश्विक विकास में मंदी के कारण निर्यात मांग पर अंकुश लगेगा।
दक्षिण एशिया की विकास से जुड़ी संभावनाएं कमजोर हुईं
रिपोर्ट में आगे कहा गया कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में बढ़ती अनिश्चितता के बीच दक्षिण एशिया की विकास से जुड़ी संभावनाएं कमजोर हुई हैं और इस कारण क्षेत्र के अधिकांश देशों में वृद्धि दर के अनुमान घटा दिए गए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार घरेलू राजस्व जुटाने में तेजी लाने से दक्षिण एशियाई देशों को कमजोर राजकोषीय स्थिति को मजबूत करने और भविष्य के झटकों के प्रति लचीलापन बढ़ाने में मदद मिल सकती है। वाशिंगटन मुख्यालय वाली बहुपक्षीय एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि 2025 में क्षेत्रीय विकास धीमा होकर 5.8 प्रतिशत हो जाएगा। यह अक्तूबर के अनुमानों से 0.4 प्रतिशत कम है। 2026 के लिए 6.1 प्रतिशत की वृद्धि दर का अनुमान जताया गया है।
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बांग्लादेश और पाकिस्तान की अर्थव्यव्सथा पर भी रिपोर्ट में की गई टिप्पणी
रिपोर्ट में कहा गया है कि बांग्लादेश में राजनीतिक अनिश्चितता और लगातार वित्तीय चुनौतियों के बीच वित्त वर्ष 2024-25 में विकास दर धीमी होकर 3.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2025-26 में विकास दर में सुधार का अनुमान घटाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया गया है।
पाकिस्तान के लिए विश्व बैंक ने कहा कि उसकी अर्थव्यवस्था प्राकृतिक आपदाओं, बाहरी दबावों और मुद्रास्फीति के संयोजन से उबर रही है। इसके वित्त वर्ष 2024-25 में 2.7 प्रतिशत और वित्त वर्ष 2025-26 में 3.1 प्रतिशत की दर से बढ़ने की उम्मीद है। श्रीलंका के बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने ऋण पुनर्गठन में और प्रगति की है। निवेश और बाहरी मांग में अनुमानित उछाल से 2025 में विकास दर 3.5 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। इसके बाद 2026 में यह 3.1 प्रतिशत पर पहुंच सकती है।