22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले ने देश को गहरे सदमे में डाल दिया। बैसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, वहां हुए इस हमले में आतंकवादियों ने पर्यटकों पर अंधाधुंध गोलीबारी की, जिसमें 27 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक लोग घायल हुए। लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने हमले की जिम्मेदारी ली और जांच से पता चला कि आतंकवादियों ने धर्म के आधार पर हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया। यह हमला 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर घाटी में सबसे घातक हमलों में से एक है, जिसने आतंकवाद के खतरे को फिर से उजागर किया। इन हमलों की भयावह कहानी कई फिल्मों में भी दिखाई गई है। चलिए जानते हैं उन फिल्मों के बारे में, जिनमें आतंकवाद का भयावह मंजर नजर आया।।

2 of 11
हिंदुस्तान की कसम
– फोटो : एक्स
हिंदुस्तान की कसम (1999)
वीरेंद्र सक्सेना द्वारा निर्देशित ‘हिंदुस्तान की कसम’ कारगिल युद्ध पर आधारित है, जिसमें भारतीय सेना और पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों और घुसपैठियों के बीच संघर्ष को दिखाया गया है। अमिताभ बच्चन और अजय देवगन अभिनीत यह फिल्म देशभक्ति और सैन्य बलिदान की कहानी है।

3 of 11
मिशन कश्मीर
– फोटो : आईएमडीबी
मिशन कश्मीर (2000)
विद्या विनोद चोपड़ा द्वारा निर्देशित ‘मिशन कश्मीर’ कश्मीर में आतंकवाद और इसके प्रभावों की कहानी है। फिल्म में एक पुलिस अधिकारी (संजय दत्त) और उसके दत्तक पुत्र (ऋतिक रोशन) के बीच की कहानी दिखाई गई है, जो आतंकवादी बन जाता है।

4 of 11
मां तुझे सलाम
– फोटो : ट्विटर
मां तुझे सलाम (2002)
टीनू वर्मा द्वारा निर्देशित ‘मां तुझे सलाम’ भारत-पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद और घुसपैठ की कहानी है। सनी देओल अभिनीत यह फिल्म एक सैनिक की कहानी बताती है, जो आतंकवादियों के खिलाफ लड़ता है। फिल्म में देशभक्ति और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को जोर-शोर से दिखाया गया है।

5 of 11
ब्लैक फ्राइडे
– फोटो : एक्स
ब्लैक फ्राइडे (2004)
अनुराग कश्यप द्वारा निर्देशित ‘ब्लैक फ्राइडे’ 1993 के मुंबई बम विस्फोटों पर आधारित है, जो दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों द्वारा अंजाम दिए गए थे। यह फिल्म हुसैन जैदी की किताब ब्लैक फ्राइडे: द ट्रू स्टोरी ऑफ द बॉम्बे बम ब्लास्ट्स पर आधारित है और आतंकवाद के पीछे की साजिश, जांच और सामाजिक प्रभावों को गहराई से दिखाती है। फिल्म में पुलिस अधिकारी राकेश मारिया (के के मेनन) और आतंकवादी साजिश के किरदारों की कहानी को समानांतर रूप से दिखाया गया है।