Varuthini Ekadashi 2025: वरुथिनी एकादशी से अधिक उदार, कृपालु और शुभ एकादशी मानी जाती है. यह एकादशी जीवन को शुद्ध करने वाली हैं जो भी व्यक्ति इस एकादशी का पूर्ण रूप से पालन करता हैं. उनके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें परम आनंद प्राप्त होता है.
वरूथिनी एकादशी के प्रभाव से ही राजा मान्धाता को स्वर्ग की प्राप्ति हुयी थी. इसी प्रकार धुन्धुमार आदि भी स्वर्ग को गये थे. वरूथिनी एकादशी के उपवास का फल 10 हजार वर्ष तपस्या करने के फल के समान है. वरुथिनी एकादशी का व्रत पारण कब और कैसे करना चाहिए यहां जानें डेट, मुहूर्त.
वरुथिनी एकादशी व्रत पारण 2025
वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल 2025 यानी गुरुवार को है. वरुथिनी एकादशी पर किए जाने वाले धार्मिक कार्य जन्मों जन्मांतर के पाप से मुक्ति दिलाते हैं. ऐसे में इस व्रत का पूरी श्रद्धा से पालन करना चाहिए. व्रत के साथ उसका पारण नियमानुसार करना आवश्यक है.
वरुथिनी एकादशी का व्रत पारण 25 अप्रैल 2025 को किया जाएगा. ये व्रत द्वादशी तिथि के दिन ही खोला जाता है.
वरुथिनी एकादशी व्रत पारण समय
वरुथिनी एकादशी का व्रत पारण 25 अप्रैल 2025 को सुबह 5.46 मिनट से सुबह 8 बजकर 23 मिनट के बीच किया जाएगा. पारण तिथि के दिन द्वादशी समाप्त होने का समय सुबह 11:44 मिनट है.
वरुथिनी एकादशी का व्रत पारण कैसे करें ?
हिंदू धर्म में एकादशी के व्रत को समाप्त करने को पारण कहते हैं. एकादशी व्रत के अगले दिन सूर्योदय के बाद पारण किया जाता है. एकादशी व्रत का पारण द्वादशी तिथि समाप्त होने से पहले करना शुभ होता है.
- पारण भगवान विष्णु के भोग और तुलसी पत्र से करें.
- पारण के दिन सात्विक भोजन ही करें.
- पारण से पहले दान जरूर करें.
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