कनाडा आम चुनाव में जनता ने खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह को आइना दिखा दिया है। चुनाव में उनकी पार्टी की करारी हार हुई है। 12 सीटें न मिलने पर न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (एनडीपी) ने पार्टी का दर्जा भी खो दिया है। खास बात यह है कि पार्टी के प्रमुख जगमीत सिंह भी अपनी ही सीट से चुनाव हार गए हैं।
चुनाव परिणाम रुझान आने के बाद खालिस्तान समर्थक और एनडीपी के प्रमुख जगमीत सिंह ने घोषणा की है कि कनाडा के संघीय चुनाव में उनकी पार्टी के लिए समर्थन कम होने और अपनी सीट गंवाने के बाद वह पद छोड़ देंगे। जगमीत सिंह हाउस ऑफ कॉमन्स में 2019 से बर्नबी सेंट्रल सीट से प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वे इस सीट पर पहले से तीसरे स्थान पर आ गए। आम चुनाव में एनडीपी ने अपना आधिकारिक दर्जा भी खो दिया है, क्योंकि वह आवश्यक 12 सीटें हासिल करने में विफल रही।
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जगमीत सिंह ने कहा कि एनडीपी का नेतृत्व करना और बर्नबाई सेंट्रल के लोगों का प्रतिनिधित्व करना मेरे जीवन का सबसे बड़ा सम्मान रहा है। प्रधानमंत्री कार्नी और अन्य सभी नेताओं को कड़ी मेहनत वाले अभियान के लिए बधाई। मुझे पता है कि यह रात न्यू डेमोक्रेट्स के लिए निराशाजनक है। मुझे निराशा है कि हम और सीटें नहीं जीत सके। लेकिन मैं अपने आंदोलन से निराश नहीं हूं। मैं अपनी पार्टी के लिए आशावान हूं। मुझे पता है कि हम हमेशा डर के बजाय उम्मीद को चुनेंगे।
जगमीत सिंह खालिस्तान के मुखर समर्थक रहे हैं और उन्होंने कनाडा में खालिस्तान कार्यकर्ताओं की ओर से अक्सर आवाज उठाई है। वहीं कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी और उनकी लिबरल पार्टी के सत्ता में बने रहने का अनुमान है। लिबरल पार्टी को संघीय चुनाव में उन्हें सरकार बनाने के लिए पर्याप्त सीटें मिल रही हैं।
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ट्रंप की धमकियों के बीच हुआ चुनाव
कनाडा का आम चुनाव अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों और कनाडा के अमेरिका में विलय की धमकी के मद्देनजर लड़ा गया था। एक पोल के अनुसार, लिबरल पार्टी सोमवार के मतदान में चार अंकों की बढ़त पर थी। यह संघीय चुनाव निर्धारित समय से पहले घोषित किया गया था। नए प्रधानमंत्री बने कार्नी ने संसद को भंग कर दिया था और नए जनादेश की मांग की थी।