फिर बेटी के पेट में और बेटे के कमर के निचले हिस्से में गोली मार दी। तीनों को गोली मारने के बाद उसने अपने सिर में भी फायर झोंक दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई।
बहनोई के साथ भी नीरज का हुआ था विवाद
गोली की आवाज सुनकर पत्नी जब घर से बाहर आई तो सब कुछ खत्म हो चुका था। उसकी दुनिया उजड़ चुकी थी। वहीं, पुलिस इस मामले में पारिवारिक कलह को मानकर जांच कर रही है। हालांकि, बहन को लेकर बहनोई के साथ भी नीरज का पहले विवाद हुआ था। इससे भी वारदात की कड़ी जुड़ती नजर आ रही है।
दादा-दादी और मां से रहता था नाराज
ग्रामीणों की मानें तो नीरज की एक छोटी बहन है, जिसकी शादी वाराणसी में हुई है। बहनोई की वाराणसी के पांडेयपुर में कपड़े की दुकान है। कुछ दिन पूर्व उसकी बहन को बहनोई ने मारपीट कर घर भेज दिया था। इस घटना से नाराज नीरज असलहा लेकर जीजा को मारने के लिए पांडेयपुर उनकी दुकान पर पहुंचा था। लोगों ने उसे पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
बाद में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था। नीरज के जेल जाने के बाद दादा चंद्रिका पांडेय, दादी और मां ने बहनोई को समझा-बुझाकर उसकी बहन को मायके भेज दिया था। इस बात की जानकारी नीरज को हुई तो वह अपने दादा, दादी और मां से काफी नाराज हुआ था। इसी बात को लेकर विवाद भी होता रहता था।