<p style="text-align: justify;">पुलिस ने ओडिशा प्रशासनिक सेवा (OAS) के एक अधिकारी पर कथित हमले के सिलसिले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता जगन्नाथ प्रधान को बृहस्पतिवार शाम भुवनेश्वर से गिरफ्तार कर लिया. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रधान ने यहां पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) कार्यालय में सरेंडर कर दिया, जिसके बाद मेडिकल जांच के बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>बीजेपी नेता सहित 6 लोग गिरफ्तार</strong><br />भुवनेश्वर नगर निगम (बीएमसी) के अतिरिक्त आयुक्त रत्नाकर साहू को बदमाशों के एक समूह ने पिछले सप्ताह कथित तौर पर उनके कार्यालय से बाहर खींचा और उन पर हमला किया था. अधिकारी ने बताया कि प्रधान सहित अब तक कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>अधिकारियों ने वापस लिया आंदोलन</strong><br />इस बीच, ‘ओएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन’ की अध्यक्ष ज्योति मिश्रा ने बताया कि प्रधान की गिरफ्तारी के बाद राज्य प्रशासनिक सेवा के आंदोलनकारी अधिकारियों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है.साहू पर “हमले” के बाद राज्य भर के ओएएस अधिकारी ‘सामूहिक अवकाश’ पर थे.</p>
<p style="text-align: justify;">भुवनेश्वर के डीसीपी जगमोहन मीणा ने कहा कि प्रधान को प्राथमिकी तथा साहू एवं आरोपियों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया गया. प्रधान ने कहा, ‘मैं यहां जांच में सहयोग करने आया हूं. अगर मेरी गिरफ्तारी से मामला सुलझ सकता है तो मैं सहयोग करने के लिए तैयार हूं.'<br /><br /><strong>ऑफिस में घुसकर आयुक्त पर हमला</strong><br />सोमवार को भुवनेश्वर नगर निगम के एडिशनल कमिश्नर रत्नाकर साहू पर कार्यालय में हमला किया गया था. बीएमसी मेयर सुलोचना दास के मुताबिक, 5-6 लोगों ने उन्हें बाहर घसीटकर मारपीट की और अगवा करने की कोशिश की.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>वीडियो वायरल, भाजपा ने 5 नेताओं को किया निलंबित</strong><br />जनसुनवाई के दौरान हुई इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. विरोध में कर्मचारियों ने धरना दिया. भाजपा ने कार्रवाई करते हुए पार्षद जीवन राउत समेत पांच सदस्यों को निलंबित कर दिया है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>पूर्व सीएम ने की थी तत्काल कार्रवाई की मांग </strong></p>
<p style="text-align: justify;">ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाया था. इसके साथ ही उन्होंने राज्य की मोहन चरण माझी सरकार से मामले की जांच करने और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की थी.</p>
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