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Jatin Lalit Blockbuster Movies : यह कहानी है बॉलीवुड की उस संगीतकार जोड़ी की जिसने अपने गानों में मुहब्बत का खूबसूरत अहसास कराया. 90 के दशक में रोमांटिक गानों से एक नई गाथा लिख दी. दिल का दर्द भी गानों में उतनी ही गहराई से जगाया. जिनका संगीत बहुत ही अलग था और सीधे दिल में उतर जाता था. जिन्होंने युवा पीढ़ी को प्यार करना सिखाया. जिन्होंने अपने करियर में 2 ऑल टाइम ब्लॉकबस्टर, 2 ब्लॉकबस्टर और 4 सुपरहिट फिल्मों में ऑल टाइम सुपरहिट म्यूजिक दिया. किस्मत का खेल देखिए कि ये बॉलीवुड की सबसे मशहूर संगीतकार जोड़ी को एक भी अवॉर्ड नसीब नहीं हुआ. 12 बार नॉमिनेशन हुआ लेकिन कोई भी अवॉर्ड उनकी झोली में नहीं आया.
बॉलीवुड में 90 के दशक में जहां एक ओर संगीतकार जोड़ी नदीम-श्रवण ने रोमांटिक गानों का दौर शुरू किया, वहीं दूसरी ओर दो सगे भाइयों की संगीतकार जोड़ी ने बहुत ही अलग तरह का दिल को सुकून देने वाले म्यूजिक से बॉलीवुड में अपना नाम कमाया. दोनों भाइयों ने शाहरुख खान के स्टारडम को सही मायने में अर्श तक पहुंचाया. जो यशराज फिल्म्स के सिंबल बन गए. इस संगीतकार जोड़ी का नाम है : जतिन-ललित.

जतिन-ललित मेवाती घराने से ताल्लुक रखते हैं. हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत विरासत में मिला. इनके पिता प्रताप नारायण कुशल संगीतकार थे, चाचा जसराज संगीत मार्तंड थे. इनकी बड़ी बहन सुलक्षणा पंडित 70-80 के दशक की जानी-मानी एक्ट्रेस रही हैं. बहन विजयता पंडित भी एक्ट्रेस-प्लेबैक सिंगर रही हैं. दोनों को बचपन से ही संगीत का शौक था. बहुत ही कम लोग यह बात जानते हैं जतिन की जोड़ी पहले अपने बड़े भाई महिंदर के साथ बनी थी लेकिन इन्हें कोई पहचान नहीं मिली. फिर जतिन ने ललित के साथ जतिन-ललित के नाम से जोड़ी बनाई और अपने सुरीले म्यूजिक से इतिहास रच दिया.

जतिन-ललित की जोड़ी हिंदी सिनेमा की सबसे कामयाब जोड़ियों में से एक है. दोनों ने 1986 में अपना प्राइवेट एल्बम ‘रिदमेटिक लव’ के नाम से लॉन्च किया. इस एल्बम के कई गाने आगे चलकर फिल्मों में यूज किए गए और बेहद पॉप्युलर हुए. दोनों भाइयों ने 1991 में ‘यारा दिलदारा’ से अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत की थी. फिर ‘जो जीता वही सिकंदर, पहला नशा, कभी हां, कभी ना, राजू बन गया जेंटलमैन, खिलाड़ी जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में म्यूजिक देकर इंडस्ट्री में नई पहचान बनाई. फिर दोनों ने वो कमाल कर दिखाया जो बहुत कम संगीतकार जोड़ियां कर पाईं. ‘जो जीता वही सिकंदर’ का ‘पहला नशा पहला खुमार’ सॉन्ग युवाओं के लिए एंथम बन गया था. इस गाने के लिए जतिन-ललित को पहला फिल्म फेयर नॉमिनेशन मिला लेकिन अवॉर्ड नहीं मिला.

जतिन-ललित के म्यूजिक का अपना स्टाइल था जो नदीम-श्रवण से बिल्कुल हटकर था. फिर दोनों के हाथ आदित्य चोपड़ा की फिल्म ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ लगी. इस फिल्म के म्यूजिक ने इतिहास रच दिया. फिर 1998 में करण जौहर की फिल्म ‘कुछ-कुछ होता है’ में ब्लॉकबस्टर म्यूजिक दिया. यह सिलसिला आगे भी ‘मुहब्बतें’, कभी खुशी कभी गम, हम तुम, चलते-चलते, फना जैसी सुपरहिट फिल्मों में जारी रहा. मजरूह सुल्तान पुरी से लेकर जावेद अख्तर तक तमाम दिग्गज गीतकारों के साथ दोनों ने काम किया. गायकों में कुमार सानू, उदित नारायण, अल्का याज्ञनिक और लता मंगेशकर के साथ खूब काम किया.

जतिन पंडित ने अपने एक इंटरव्यू में ‘दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे’ ‘कुछ-कुछ होता है’ और ‘मुहब्बतें’ में शानदार म्यूजिक देने की वजह का खुलासा किया था. उन्होंने बताया था. ‘आदित्य चोपड़ा और करण जौहर कहानी और सिचुएशन बहुत अच्छे से नैरेट करते थे. फिर उसी सिचुएशन के हिसाब से हम लोग म्यूजिक तैयार करते थे. अच्छी बात यह है कि हमने छोटी फिल्मों में भी उतना ही अच्छा म्यूजिक दिया है. यारा दिलदारा जैसी छोटी फिल्म का गाना ‘बिन तेरे सनम, मर मिटेंगे हम, आ मेरी जिंदगी’ भी आज् कल्ट सॉन्ग है. हम दोनों भाई बहुत मेहनत करते थे. एक गाना पांच-पांच माह में जाकर तैयार हुआ.’

कोई अवॉर्ड न मिलने पर दुख जताते हुए जतिन ने कहा था, ’12 बार से ज्यादा हम नॉमिनेट हुए. एक बार तो एक साथ तीन फिल्में हमारी नॉमिनेट हुई थीं. इस बात की खुशी जरूर है कि म्यूजिक हमारा इतना बड़ा हिट हुआ और पुराना नहीं हुआ. 90 के म्यूजिक का अपना एक दौर था. अगर कोई अवॉर्ड मिल जाता तो और भी खुशी होती.’

2006 में फना फिल्म के रिलीज होने के बाद ललित पंडित ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई और सबके सामने ऐलान किया वो अपने भाई जतिन पंडित से अलग हो रही हैं. बॉलीवुड इंडस्ट्री के लिए यह खबर बहुत बड़ा झटका थी. किसी को यकीन ही नहीं हो रहा था कि बॉलीवुड की सबसे कामयाब जोड़ियों में से एक जोड़ी अपने करियर के शिखर पर अलग हो रही है. दोनों ने अलग-अलग फिल्मों में म्यूजिक देना शुरू किया. ललित पंडित का एक गाना ‘मुन्नी बदनाम हुई’ बहुत फेमस हुआ जो कि ‘दबंग’ फिल्म में आया था.

छोटे भाई ललित पंडित के साथ जोड़ी टूटने पर जतिन ने कहा था, ‘मैं अब भी उनके साथ काम करने के लिए तैयार हूं. मैं जोड़ी टूटने के लिए जिम्मेदार नहीं हूं. यह दोनों तरफ से हुआ. मैंने उसे मनाने की कई बार कोशिश की लेकिन हर बार इनकार ही मिला. इसलिए अब मैंने उनसे इस बारे में बात करना ही छोड़ दिया है. हर किसी की प्राइवेसी का सम्मान करना चाहिए. इतनी बड़ी सक्सेस मिली. साथ में काम किया. अगर किसी के दिल में मुद्दे को हल करने की बात हो तो समाधान भी निकल सकता है लेकिन अगर कोई इस पर बात ही नहीं करना चाहता तो फिर कुछ नहीं हो सकता. दुख की बात तो यह है कि अब बच्चों आकर पूछते हैं?. मैं इंस्ट्रूमेंटल हूं. उसे मूझे ज्वॉइन किया था. मैंने उसे कई बार डिनर पर बुलाया. फिर वह अकेले ही शोज करने लगा.’

ललित पंडित ने अपने एक इंटरव्यू में जोड़ी टूटने की वजह कुछ और ही बताई थी. उन्होंने कहा था, ‘बात नहीं बन पाई. मुझे नहीं लगा कि आगे उनके साथ काम कर पाऊंगा. मुझे एक बंदिश सी लग रही थी. इस वजह से हमने काम बंद कर दिया. जोड़ी टूटने में एक की गलती नहीं होती. ताली दो हाथ से बजती है. कुछ उनकी तरफ से मुझे प्रॉब्लम थी और उन्हें कुछ मेरी तरफ से प्रॉब्लम थी. जतिन अमेरिका जाना चाहते थे.
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