शाहाबाद में आयोजित एक जनसभा के दौरान उतरता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का उड़नखटोला। आर्काइव
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उड़नखटोले, मतलब हेलीकॉप्टर। हेलीकॉप्टर भी अलग-अलग तरह के। चुनाव में भले ही प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला मतदाता करते हों, लेकिन हवा बनाने में उड़नखटोले ही सबसे आगे हैं। राष्ट्रीय नेताओं को सुनने के लिए तो भीड़ उमड़ती ही है। बड़ी संख्या में लोग उड़नखटोले को उड़ते और जमीन पर उतरते हुए देखने के लिए भी पहुंचते हैं।
बीते लोक सभा चुनाव यानी 2019 में जनपद में 10 बार उड़नखटोले उतरे। सबसे आखिरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उड़नखटोला उतरा था और ऐसी हवा बनी कि हरदोई और मिश्रिख लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशियों ने लगभग एकतरफा जीत हासिल कर ली। एक दौर था जब चुनाव में बड़े नेता भी एक या दो बार ही उड़नखटोले से प्रत्याशियों को जिताने के लिए जनसभा करने आते थे।