अनपरा/सोनभद्र। जिले के कोयला आधारित बिजली घर, राज्य विद्युत गृह अनपरा, रेनूसागर पावर, मेधा/लैको, राज्य विद्युत गृह ओवरा, एनटीपीसी शक्तिनगर, एनटीपीसी रिहंदनगर बीजपुर के अलावा एनसीएल के विभिन्न परियोजना के अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी ने अपनी अपनी प्रोजेक्ट से कोयला उत्पादन एवं राख यूटिलाइजेशन पर विस्तार रूप से अपनी प्रस्तुतिकरण मुख्य अतिथि के सामने रखी।
जिसमें वर्तमान समय में फ्लाई ऐश उपयोग में राज्य विद्युत के अनपरा द्वारा उत्पादन 41.60 प्रतिभात में उपयोग 0.4534 प्रतिशत, राज्य विधुत के ओवरा द्वारा उत्पादन 14.389 प्रतिशत का उपयोग 13.706 प्रतिगत, एनटीपीसी शक्तिनगर द्वारा उत्पादन 30.36 प्रतिशत का उपयोग 12.26 प्रतिशत, एनटीपीसी रिहंदनगर वीजपुर द्वारा उत्पादन 42.32 प्रतिशत का उपयोग 33.96 प्रतिशत, रेनुसागर पावर द्वारा उत्पादन 14.93 प्रतिशत, उपयोग 16.16199 प्रतिगत, मेधा लैको द्वारा उत्पादन 13.059 प्रतिशत, उपयोग 4.24 प्रतिणत, का आकड़ा पेश किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में प्रधारे अपर मुख्य सचिव, वन पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन चेयरमैन उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड मनोज सिंह ने सोनभद्र के सभी राख जनित्र विद्युतघर को कोयले की खपत व राख निस्तारण पर दिए गए आंकड़े को गंभीरता से देखा और जानकारी दिया।