अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन और इस्राइली पीएम नेतन्याहू (फाइल)
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पश्चिम एशिया बीते छह महीने से अधिक समय से युद्ध की विभीषिका का दंश झेल रहा है। युद्धग्रस्त इलाकों के हालात बेहद दयनीय हैं। इसी बीच इस्राइल और ईरान का टकराव शुरू होने से हालात और भी चिंताजनक दिशा में मुड़ चुके हैं। हालाच की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वस्त किया है कि युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे भारतीय लोगों की सुरक्षा सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता है। विदेश मंत्रालय भी लगातार हालात पर नजर बनाए हुए है। ताजा घटनाक्रम में अमेरिका ने साफ कर दिया है कि वह इस्राइल के किसी भी ऐसे प्रयास का साझेदार नहीं बनेगा, जिसके तहत ईरान पर जवाबी कार्रवाई की योजना हो।
नेतन्याहू का बाइडन को दो टूक संदेश; रूस और ईरान के विदेश मंत्रियों ने भी तेवर दिखाए
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन ने इस्राइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को दो टूक संदेश दिया है कि तनाव बढ़ाने वाले किसी भी फैसले से पहले ‘अच्छी तरह सोच-विचार’ करें। अमेरिका के सख्त तेवरों के बीच रूस और ईरान के रूख की खबर भी सामने आई। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक रूसी और ईरानी विदेश मंत्रियों ने मध्य पूर्व (Middle East) में हालात के और बिगड़ने को लेकर आगाह किया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने एक बार फिर चिंता जाहिर की
अमेरिकी विदेश मंत्री ने इस्राइली समकक्ष से बात की