सोनभद्र। विंध्य पर्वत के दक्षिणांचल में स्थित वनवासियों की आदि भूमि सोनभद्र में त्रेता युग में वनवासी अवध के राजकुमार श्री राम, माता सीता,अनुज लक्ष्मण के वनागमन का मार्ग यह क्षेत्र था। चौत्र शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर 17 अप्रैल बुधवार को दोपहर 12 बजे प्रभु श्री राम का जन्मदिन मनाया जाएगा।
जनपद मुख्यालय सोनभद्र नगर (रॉबर्ट्सगंज) पूरब मोहल में बनवासी राम के मित्र केवट के वंशधर राम भक्त रामगुलाम मल्लाह ने 164 वर्ष पूर्व ठाकुर जी की कुटिया (राम जानकी मंदिर) में राम दरबार स्थापित कराया था, तब से लेकर आज तक यह मंदिर राम भक्तों के आस्था, श्रद्धा, विश्वास, आराधना का केंद्र बना हुआ है।
केंद्र सरकार द्वारा संचालित रामायण कल्चर मैपिंग योजना के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर, इतिहासकार दीपक कुमार केसरवानी के अनुसार-पूर्ववर्ती जनपद मिर्जापुर के अभिलेखागार में संग्रहित दस्तावेजों के अनुसार सन 1860 ई०में रॉबर्ट्सगंज नगर में सबसे पहले रामगुलाम मल्लाह ने ठाकुरजी की कुटिया में श्री राम दरबार की मूर्ति की स्थापना कराया था।
ठाकुर जी की कुटिया में लगभग 100 गांव से व्यापारी, स्थानीय निवासी,श्रद्धालुजन रामदाना (अनाज) दान दिया करते थे, इसका उपभोग ठाकुर जी के सेवक, कुटिया में विश्राम करने वाले व्यापारी अन्य जरूरतमंद लोग किया करते थे। स्थापना काल से ही इस कुटिया पर रामनवमी के अवसर पर राम दरबार का श्रृंगार, रामायण, रामचरितमानस का पाठ,भजन, कीर्तन, प्रसाद वितरण आदि कार्यक्रमों का आयोजन होता था।
कालांतर में कुटिया परिसर में भक्तजनों ने समय-समय पर भगवान शिव, श्री कृष्ण- सुभद्रा, मां काली, हनुमान आदि देवी- देवताओं की मूर्ति स्थापित कराया।
सन 1925 मे व्यापारिक नगर अहरौरा के कांदू वैश्य परिवार के संतदास, रॉबर्ट्सगंज नगर के समीप निपराज गांव के हरिदास आदि सेवक ठाकुर जी की सेवा में लगे रहे।
कालांतर में रॉबर्ट्सगंज टाउन एरिया के प्रथम अध्यक्ष बद्रीनारायण, क्रांतिकारी, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी बलराम दास केसरवानी, विश्वनाथ प्रसाद ष्खादिमष् समाजसेवी,शिव शंकर प्रसाद केसरवानी, व्यापारी शंभू सेठ, श्याम सुंदर जालान, नंदा सेठ आदि नागरिकों ने कुटिया परिसर में स्थापित मंदिर, कुआं का जीर्णाेद्धार कराया।
मंदिर में प्रतिवर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी की झांकी, शिव शृंगार, रथयात्रा, नवरात्र, रामनवमी के अवसर पर विविध प्रकार के सांस्कृतिक, साहित्यिक, धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन आज तक परंपरागत रूप से होता चला आ रहा है।
श्री केसरवानी ने बताया कि प्रभु श्री राम जी का जन्मदिन चौत्र शुक्ल पक्ष की राम नवमी तिथि पर बुधवार को दोपहर 12 बजे मनाया जाएगा।