Rahul Gandhi
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राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हारे। अभी नया राजनीतिक ठिकाना वायनाड है। इस बीच अमेठी से उनका जुड़ाव करीब कट सा गया। 20 फरवरी को यहां पहुंची उनकी भारत जोड़ो न्याय यात्रा में भी न उल्लास नजर आया था और न ही कांग्रेस नेताओं में उत्साह। संसदीय चुनाव की रंगत के बीच जब भाजपा ने स्मृति इरानी को मैदान में उतार मोर्चेबंदी शुरू कर दी है, तो वहीं कांग्रेस में प्रत्याशी पर ही मंथन चल रहा है। हालांकि अमेठी में पांचवें चरण में 26 अप्रैल से नामांकन की शुरुआत होने वाली है।
तीन माई नामांकन की अंतिम तिथि है और 20 मई को मतदान। इस सब के बीच अमेठी से दूर रहते हुए भी बीते 15 दिनों से राहुल गांधी फिर चर्चा में हैं। यह कांग्रेस की पहल नहीं, बल्कि भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी की रणनीति का ही प्रतिफल है।
असल में 2019 में राहुल गांधी अमेठी के साथ ही केरल के वायनाड से भी चुनाव लड़े। अमेठी से भाजपा प्रत्याशी स्मृति इरानी से करारी हार मिली, वहीं वायनाड से जीतकर वह संसद पहुंचे। इस बार भी अभी तक राहुल वायनाड से ही मैदान में हैं। उनके अमेठी से चुनाव लड़ने पर संशय बरकरार है।
यहां से कभी प्रियंका गांधी तो कभी रॉबर्ट वाड़ा के नाम की चर्चा हो रही है। समीकरण साधने के लिए स्थानीय प्रत्याशी पर भी मंथन चल रहा है। इस सब के बीच कांग्रेस कुछ भी खुलकर बोलने को राजी नहीं है। पार्टी का मौन कार्यकर्ताओं की दुविधा बढ़ाने वाला है।