Pakistan Politics
– फोटो : Amar Ujala
विस्तार
क्या पाकिस्तान को दो-दो प्रधानमंत्री मिलकर चला रहे हैं? ऐसा हम नहीं कह रहे, बल्कि पाकिस्तान की जनता और वहां के पत्रकार ऐसा बोल रहे हैं। हालांकि पाकिस्तान के आधिकारिक प्रधानमंत्री तो मियां शहबाज शरीफ ही हैं, लेकिन अघोषित तौर पर देश को वे नहीं, बल्कि उनके भाई मियां नवाज शरीफ चला रहे हैं। हालांकि नवाज शरीफ खुल कर सामने नहीं आते, लेकिन बताया जाता है कि पर्दे के पीछे से वही सब कुछ मैनेज भी कर रहे हैं। पाकिस्तानी पत्रकारों का कहना है कि मियां नवाज शरीफ जिस तरह गुपचुप तरीके से चीन की यात्रा पर गए हैं, इससे तो यही मैसेज जा रहा है कि बिना पद पर होते हुए भी वे पाकिस्तान की सरकार को चला रहे हैं। वहीं कहा यह जा रहा है कि चीन की लताड़ से बचने के लिए आनन-फानन में उनकी यात्रा का कार्यक्रम तय किया गया है।
‘चेकअप’ कराने चीन गए हैं नवाज शरीफ
दरअसल, 22 अप्रैल को खबरें आईं कि पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष 74 वर्षीय नवाज शरीफ पांच दिनों के लिए ‘निजी यात्रा’ पर चीन रवाना हो रहे हैं। सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया और चुप्पी साध ली गई। जब बवाल ज्यादा बढ़ा तो कहा गया कि वे सरकारी यात्रा पर नहीं हैं और अपना ‘चेकअप’ कराने चीन जा रहे हैं। नवाज शरीफ ब्रिटेन में चार साल के स्वनिर्वासन के बाद पिछले साल अक्तूबर में ही पाकिस्तान लौटे थे। वहीं उनके साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री इश्हाक डार भी हैं।
हालांकि, विदेश मंत्रालय ने डार के चीन दौरे से इंकार किया है। वहीं पाकिस्तानी पत्रकारों का कहना है कि वे शरीफ के चीन जाने की खबरों के बाद से ही नदारद हैं। वहीं उनके साथ पंजाब मुख्यमंत्री और उनकी बेटी मरियम नवाज के बेटे जुनैद सफदर और उनके नवाज शरीफ के पुत्र हुसैन नवाज के बेटे जकारिया हुसैन भी साथ गए हैं। पाकिस्तान आने के बाद नवाज शरीफ की यह पहली विदेश यात्रा है। कहा जा रहा है कि वह इस यात्रा के दौरान चीनी कंपनियों के मालिकों से मिलेंगे और सी-पैक (CPEC) को लेकर बातचीत करेंगे।
संदेह पैदा करता है अचानक चीन जाना
पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के पीटीआई नेता अहमद खान भाचर आरोप लगाते हैं कि ऐसे वक्त में जब ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी पाकिस्तान के सरकारी दौरे पर हैं, नवाज शरीफ का अचानक चीन जाना संदेह पैदा करता है। वह कहते हैं कि वे सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख हैं और उन्हें रईसी के दौरे के वक्त यहां होना चाहिए था। उनका कहना है कि नवाज शरीफ अपने बिजनेस को चीन शिफ्ट करना चाहते हैं। सी-पैक पर बातचीत तो सिर्फ बहाना है।
चीनी नागरिकों पर हो रहे हमलों से नाराज है बीजिंग
इस्लामाबाद के पत्रकार जाहिद घिशकोरी बातचीत में कहते हैं कि नवाज शरीफ के दौरे को लेकर सियासी गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है। वह कहते हैं कि भले ही नवाज का यह निजी दौरा हो, लेकिन बीजिंग स्थित पकिस्तान की एंबेसी को उनके आने को लेकर बकायदा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। वह कहते हैं कि कुछ तो हुआ है, ऐसे वक्त में जब ईरानी सदर पाकिस्तान आए हुए हैं, तो नवाज का अचानक चीन जाना किसी के गले नहीं उतर रहा है।
घिशकोरी के मुताबिक, नवाज का यह दौरा छुपाने की पूरी कोशिश की गई। सरकार को लगा कि जब ईरानी राष्ट्रपति इस्लामाबाद में हैं, तो पूरे मीडिया वहां बिजी रहेगा और किसी को कानोंकान खबर नहीं होगी। लेकिन मामला खुल गया। वह आगे कहते हैं कि पाकिस्तान में अगले दो हफ्ते राजनीतिक तौर पर बेहद अहम माने जा रहे हैं।
सियासी गलियारों में चर्चा है कि लगातार चीनी नागरिकों पर ग्वादर में हो रहे बलूचों के हमलों को लेकर चीन बेहद नाराज है और वह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बीजिंग बुला कर पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की सुरक्षा में खामियों को लेकर खरी-खोटी सुनाना चाहता था, लेकिन नवाज ने बात संभाल ली और खुद चीन जाने का फैसला किया।
इससे पहले 26 मार्च को हमले के बाद इस्मालाबाद स्थित चीनी एंबेसी ने शहबाज शरीफ को बुलाकर ‘डांट’ भी पिलाई थी। चीन के पोलित ब्यूरो ने भी हमलों को लेकर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ कड़े शब्दों का इस्तेमाल किया था। वह बताते हैं कि हालांकि शहबाज शरीफ अगले हफ्ते सऊदी अरब के दौरे पर रहेंगे और अगले महीने चीन की यात्रा पर जाएंगे।
पर्दे के पीछे प्रशासनिक बैठकें भी लेते हैं शरीफ
वहीं द हफ़िंगटन पोस्ट से जुड़े पाकिस्तान के पत्रकार इहतिशाम उल हक के मुताबिक ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब नवाज शरीफ पर्दे के पीछे से सरकार चला रहे हैं। पाकिस्तान में इस साल नई सरकार बनने के बाद से वे लगातार बिना किसी पद पर होने के बावजूद अधिकारियों और मंत्रियों की मीटिंग ले रहे हैं। वह कहते हैं कि वे सिर्फ नेशनल असेंबली के सदस्य हैं और उनके पास कोई आधिकारिक पद नहीं है। कई बार वे सार्वजनिक तौर पर अपनी बेटी मरियम के साथ पंजाब सरकार की प्रशासनिक बैठकों की अध्यक्षता या सह-अध्यक्षता करते देखे गए हैं।
नवाज शरीफ आईटी सिटी में निवेश करेंगी चीनी कंपनियां
पाकिस्तान के पत्रकार महताब हैदर चीन जाने के सवाल पर कहते हैं कि कहा जा रहा है कि वे चीन इल्म (जानकारी) लेने गए हुए हैं। क्योंकि जल्द ही चीन के साथ इंडस्ट्रियल कॉर्पोरेशन का एग्रीमेंट होने वाला है। साथ ही, पंजाब में भी चीन कुछ प्रोजेक्ट लगाने वाला है, क्योंकि वहां उनकी बेटी मरियम मुख्यमंत्री हैं। वहां 16 चीनी कंपनियों ने नवाज शरीफ आईटी सिटी में रुचि दिखाई थी, मरियम का आइडिया था। उन्होंने पंजाब प्रांत के सभी प्रमुख शहरों में इसी तरह की परियोजनाओं की योजना बनाई है, जिनमें से आठ में तुरंत काम शुरू हो सकता है।
वह कहते हैं कि दिलचस्प बात तो यह है कि बड़े शरीफ का चीन दौरा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अगले महीने होने वाली चीन यात्रा से पहले हो रहा है, जहां से चीनी प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत करेंगे। वह कहते हैं कि नवाज का इलाज तो उनका ब्रिटेन में चल रहा है, तो चीन में ‘मेडिकल चेकअप’ की बात गले नहीं उतर रही है। वह कहते हैं कि पाकिस्तान इन दिनों खराब माली हालत से गुजर रहा है और मौजूदा सरकार की कोशिश इकनॉमिक रिफॉर्म्स की है। हाल ही में पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से एक और राहत पैकेज भी मांगा है।
इसके साथ ही, वह कहते हैं कि चाइना-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) को लेकर मामला अटका पड़ा है। इस पूरे प्रोजेक्ट का बजट 60 अरब डॉलर था, जिस पर चीन अभी तक करीब 40 अरब डॉलर खर्च कर चुका है। वहीं चीन की नाराजगी यह है कि पाकिस्तान सरकार पैसे की कमी का बहाना करके प्रोजेक्ट पर आगे काम नहीं कर रही है। सीपीईसी के तहत कुछ पावर प्रोजेक्ट्स पर भी काम होना था, लेकिन इनका काम बंद है और अब तो इन प्रोजेक्ट्स की जमीनों पर कब्जे भी होने लगे हैं।