शनि देव को पश्चिम दिशा (West Direction) का स्वामी माना गया है. पूजा करते समय इस बात का ख्याल रखें की आपका मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए.
शनिदेव की पूजा के दौरान दिशा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. आमतौर पर लोग पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा करते हैं. शनिदेव पश्चिम दिशा के स्वामी हैं. इसलिए इनकी पूजा करते समय साधक का मुख पश्चिम दिशा की ओर होना चाहिए.
इसीलिए हर मंदिर में शनि देव की मूर्ति अलग जगह पर होती है. ऐसा इसीलिए हैं क्योंकि शनि देव का मुख पश्चिम दिशा में होता है.शनि पूजा में दिशा का खास महत्व होता है.
इसीलिए इस बात का खास ख्याल रखें की घर के पश्चिम दिशा में पति-पत्नी का कमरा (Bedroom), ऐसा होने से शादीशुदा जिंदगी में कलेश की स्थिति बनी रहती है. हर समय तनाव चलता रहता है. अगर इस दिशा में कमरा हो तो शनि यंत्र जरुर लगाएं.
पश्चिम दिशा में रसोई घर (Kitchen)नहीं होनी चाहिए. पश्चिम दिशा में रसोई घर में सुख-समृद्धि नहीं लाती. रसोईघर बनाने के लिए घर के दक्षिण-पश्चिम भाग से बचें.
घर दक्षिण-पश्चिम दिशा में मंदिर या पूजा घर नहीं होना चाहिए. साथ ही घर की ढलान, घर का पानी पश्चिम दिशा से होकर नहीं निकलना चाहिए. ऐसे घरों में में धन कम रुकता है.
Published at : 26 Apr 2024 09:00 PM (IST)
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