Maharashtra Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बालासाहेब ठाकरे के नकली संतान वाले बयान पर पलटवार किया है. औरंगाबाद लोकसभा सीट से शिवसेना (UBT) के उम्मीदवार चंद्रकांत खैरे के लिए एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ‘मोदी जी मुझसे लड़िए, मेरे माता पिता का अपमान बर्दाश्त नहीं करूंगा.
उद्धव ठाकरे ने आगे कहा, ‘2014 में नामांकन के लिए मेरे ही हस्ताक्षर लिए थे, लेकिन वो अब मुझे बाला साहेब ठाकरे का नकली बेटा और मेरी पार्टी को नकली शिवसेना कहते हैं. महाराष्ट्र में हमारी संस्कृति एक-दूसरे का सम्मान करने की है और राज्य के लोग इस तरह का अपमान बर्दाश्त नहीं करेंगे.’ ठाकरे ने आगे कहा कि पीएम मोदी महंगाई के बारे में बात न करने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर हमेशा हमला करते थे, लेकिन अब वह खुद महंगाई के बारे में नहीं बोलते हैं.
ठाकरे ने दावा किया कि महाराष्ट्र में प्याज बोने वाले किसानों को 1,100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है और अब मोदी सरकार कहती है कि वह एमएसपी देगी, तो पिछले 10 सालों से सत्तारूढ़ सरकार क्या कर रही थी? उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को पीएम मोदी की यात्राओं के दौरान असुविधा होती है. हाल ही में लातूर की चुनावी यात्रा के दौरान एयरपोर्ट से बाहर जाने वाली सड़कों को बंद कर दिया गया था. जब आप इतनी सुरक्षा के साथ चलते हैं तो इतना डर क्यों है?
ठाकरे का पीएम मोदी पर हमला
उद्धव ठाकरे ने कहा कि चुनाव के दौरान सभी को समान रूप से सुविधाएं मिलनी चाहिए. अगर हम किसी सुविधा का उपयोग नहीं कर सकते हैं, तो उन्हें सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं को इसकी अनुमति नहीं दी जानी चाहिए. उद्धव ठाकरे ने अडानी और अंबानी के बयान पर भी पीएम मोदी पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि ‘आप कह रहे हैं कि राहुल गांधी ने अंबानी और अडानी के बारे में बोलना क्यों बंद कर दिया है. आप कह रहे हैं कि कांग्रेस को टेम्पो भरकर पैसा मिला है, तो आप तो प्रधानमंत्री हैं. ऐसे में आपकी सीबीआई, ईडी तथा आईटी कहां गई?’
पीएम ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि ‘आपके पास जानकारी है तो क्यों नहीं छापेमारी करते? ठाकरे ने दावा किया कि अगर काला धन राहुल गांधी के पास टेम्पो के जरिए पहुंचा है तो आप तो नोटबंदी लेकर आए थे फिर उसका क्या हुआ? पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि ‘नकली एनसीपी और शिवसेना’ ने चार जून के लोकसभा चुनाव परिणामों के बाद कांग्रेस में विलय करने का मन बना लिया है, लेकिन उन्हें इसके बजाय अजित पवार और एकनाथ शिंदे के साथ मिल जाना चाहिए.