Rajasthan News Today: राजस्थान में स्वास्थ्य विभाग इन दिनों एक्शन मोड में है. इसी कड़ी में अंग प्रत्यारोपण के लिए फर्जी एनओसी जारी होने के प्रकरण में उच्च स्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद राज्य सरकार ने दोषी अधिकारियों के विरूद्ध एक्शन लिया है. इसके लिए जांच रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा था.
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि जांच रिपोर्ट में सामने आए तथ्यों के बाद राज्य प्राधिकार समिति के समन्वयक एसएमएस अस्पताल के वरिष्ठ आचार्य, जनरल सर्जरी डॉ. राजेन्द्र बागड़ी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है.
कार्रवाई में ये बातें आई सामने
अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने आगे बताया कि जांच रिपोर्ट से पता चला है कि डॉ. बागडी को एनओसी के लिए आवेदन प्राप्त होने की पूरी जानकारी थी. उन्होंने बताया कि इसके बावजूद बैठकों का आयोजन नहीं होने के लिए वे प्राथमिक रूप से जिम्मेदार हैं. उन्होंने राज्य प्राधिकारी समिति के कार्यों को गंभीरता से नहीं लिया.
शुभ्रा सिंह ने बताया कि इसी प्रकार जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर एनओसी जारी करने के लिए बैठक आयोजित नहीं करने और पर्यवेक्षणीय लापरवाही को लेकर सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा और पूर्व अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को सीसीए नियम 16 के तहत नोटिस देकर 3 दिवस में स्पष्टीकरण मांगा गया है.
2020 से 2023 अंग प्रत्यारोपण में हुई अनियमितता
स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अंग प्रत्यारोपण का खेल वर्ष 2020 से चला आ रहा था, जिसका चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने भण्डाफोड़ किया है. मानव अंग प्रत्यारोपण से जु़ड़ी प्रक्रिया में साल 2020 से लेकर साल 2023 तक विभिन्न स्तरों पर घोर लापरवाही और अनियमितताएं हुईं.
विभाग का कहना है कि इस मामले में एक्शन लिया गया है. एनओसी के लिए राज्य प्राधिकार समिति की बैठकें नियमित रूप से आयोजित नहीं किए जाने पर प्रथम दृष्टया दोषी पाए गए सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. राजीव बगरहट्टा और अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा को पद से हटाया गया.
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