नैनी में यमुना में गिर रहा नाले का पानी।
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2024-25 में होने वाले कुंभ मेला से पहले प्रयागराज में गंगा नदी के पानी को स्वच्छ बनाने के सीवर गिरने से रोकने का आदेश एनजीटी ने किया था। डीएम प्रयागराज को इस मामले में कार्रवाई कर एनजीटी को रिपोर्ट भी देनी थी। रिपोर्ट नहीं देने और आदेश के अनुपालन में लापरवाही पर एनजीटी ने अब प्रयागराज डीएम पर ही 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। 21 मई को हुई सुनवाई में डीएम प्रयागराज खुद भी एनजीटी के सामने उपस्थित हुए थे।
एनजीटी के चेयरमैन प्रकाश श्रीवास्तव, सदस्य जस्टिस अरूण कुमार त्यागी और डॉ. ए सेंथिल वेल के आदेश में कहा गया है कि सात फरवरी 2024 के आदेश में पांच सदस्यीय जांच समिति एनजीटी ने बनाई थी। इसका नोडल डीएम प्रयागराज को बनाया गया है। इस जांच समिति को मौके पर निरीक्षण कर गंगा और यमुना में गिर रहे सभी नालों और सभी एसटीपी के डिस्चार्ज के नमूने लेकर परीक्षण कराना था।
इसके साथ ही एसटीपी के क्रियाशील होने पर भी रिपोर्ट देनी थी। 13 मार्च से पहले रिपोर्ट जांच समिति को देनी थी जोकि नहीं दी गई। डीएम प्रयागराज की मांग पर 13 मार्च को सुनवाई में छह सप्ताह का अतिरिक्त समय रिपोर्ट देने के लिए दिया गया। इसके बाद भी रिपोर्ट नहीं आई। एनजीटी के आदेश में कहा गया है कि छह सप्ताह गुजरने के बाद भी रिपोर्ट नहीं दी गई। सुनवाई से एक दिन पहले आनन-फानन में एक रिपोर्ट दी गई जोकि त्रुटिपूर्ण है।