लगातार रिसर्चर पता लगाने में जुटे हैं कि धरती के अलावा अन्य किसी ग्रह पर हवा है या नहीं. हर साल हवा यानि विंड के प्रति लोगों में जागरूकता बढ़ाने को लेकर ग्लोबल विंड डे मनाया जाता है. इस दौरान कई प्रकार से लोगों को जागरूक किया जाता है.
यूरोपीयन विंड एनर्जी एसोसिएशन और ग्लोबल विंड एनर्जी काउंसिल ने इस दिन को एक साथ मनाने का निर्णय लिया था. पहली बार ये दिवस साल 2007 में मनाया गया था. हालांकि पहली बार इसे यूरोप में ही मनाया गया लेकिन 2009 में इसे विश्व स्तर पर मनाने का फैसला लिया गया.
साल 2008 में ग्लोबल विंड डे को करीब 20 यूरोपीय देशों में मनाया गया था और इसमें लगभग 1,00,000 लोगों ने भाग लिया था. जबकि साल 2009 में EWEA ने GWEC के साथ मिलकर दुनिया भर में इस दिवस के कार्यक्रम का समन्वय किया. 2009 करीब 35 देशों में लगभग 300 कार्यक्रम आयोजित किए गए और करीब दस लाख लोगों इनमें शामिल हुए थे.
ग्लोबल विंड डे ये याद दिलाने का एक महत्वपूर्ण मौका है कि पवन ऊर्जा हमारी धरती के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान हो सकती है. विंड एनर्जी भविष्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने की क्षमता रखती है. यह स्वच्छ, टिकाऊ और किफायती है.
हाल के वर्षों में विंड एनर्जी तेजी से बढ़ रही है. लागत में कमी और नई तकनीकों के विकास के साथ यह और भी अधिक कॉम्पिटेटिव होती जा रही है. विश्व स्तर पर कई देश विंड एनर्जी पर भरोसा कर रहे हैं. भारत भी विंड एनर्जी में निवेश कर रहा है और आने वाले वर्षों में इसकी क्षमता बढ़ाने की योजना बना रहा है.
Published at : 14 Jun 2024 03:44 PM (IST)
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