नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में इस साल की अमरनाथ यात्रा की शुरुआत 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त को खत्म होगी। 19 जून को बाबा अमरनाथ की ‘प्रथम पूजा’ के साथ अमरनाथ यात्रा की शुरुआत हुई है। बाबा अमरनाथ की ‘प्रथम पूजा’ में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा श्रीनगर में राजभवन से वर्चुअली शामिल हुए थे।
श्री अमरनाथ यात्रा हिंदू श्रद्धालुओं के बीच बहुत खास महत्व रखती है, जो बाबा बर्फानी की पूजा करने के लिए वार्षिक तीर्थयात्रा में शामिल होते हैं। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ गुफा मंदिर तक हर साल लाखों श्रद्धालु चुनौतीपूर्ण यात्रा को पूरा कर भगवान शिव की पूजा करते हैं।
अमरनाथ यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया 15 अप्रैल से ही चालू हो गई है। ये रजिस्ट्रेशन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जा रहा है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन इस अधिकारिक वेबसाइट jksasb.nic.in पर की जा रही है। सबसे पहले अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए अधिकारिक वेबसाइट jksasb.nic.in पर जाएं।
होमपेज पर दिए गए लिंक ‘रजिस्टर’ पर । सभी निर्देशों को ध्यान से पढ़ें।
इसमें नाम, फोन नंबर, और अन्य जरूरी जानकारी दर्ज करें। उसके बाद अपना वैध फोटो, आईडी प्रूफ और मेडिकल सर्टिफिकेट अपलोड करें। इसके बाद रजिस्ट्रेशन फॉर्म सबमिट करें। इसके बाद कन्फर्मेशन पेज डाउनलोड करें और उसका प्रिंट आउट लें। रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आए ओटीपी को डालें। आवेदन की फीस ऑनलाइन ट्रांसफर करके जमा करें और यात्रा के लिए परमिट डाउनलोड करें।
अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन की फीस प्रति व्यक्ति 150 से 250 रुपये है। रजिस्ट्रेशन करते वक्त बैंक शाखाओं के जरिए रजिस्ट्रेशन फीस का भुगतान किया जा सकता है। अमरनाथ यात्रा रजिस्ट्रेशन के लिए किसी अधिकृत डॉक्टर द्वारा जारी वैलिड अनिवार्य स्वास्थ्य प्रमाणपत्र (सीएचसी), आधार कार्ड और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त वैलिड पहचान पत्र की जरूरत होगी।
अमरनाथ यात्रा के लिए रजिस्ट्रेशन कराने की उम्र सीमा 13 से 70 साल है। वहीं छह हफ्ते या उससे ज्यादा दिनों की गर्भवती महिलाओं को अमरनाथ यात्रा करने की अनुमति नहीं है।
तीर्थयात्रियों के लिए चिकित्सा सहायता सहित आवश्यक सुविधाओं को सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। अधिकारियों को भक्तों के लिए एक सुरक्षित, सुचारू और सफल तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने का भी आदेश दिया गया है। यात्रा में सबसे ज्यादा फोकस मेडिकल सुविधाओं पर किया जाएगा।