हिंदू धर्म में रामायण, गीता और महाभारत की कहानियां बचपन से ही सुनी-सुनाई जाती है. लोग अपने घरों में भी रामायण और गीता का पाठ करते हैं. लेकिन घर पर महाभारत नहीं रखते और ना ही घर पर इसका पाठ करते हैं. आखिर क्या कारण है, आइये जानते हैं.
महाभारत को विश्व का सबसे बड़ा महाकाव्य माना जाता है. जिसकी रचना वेद व्यास ने की. यह हिंदू धर्म की कई कृतियों में एक है. महाभारत का युद्ध कुरुक्षेत्र में लड़ा गया सबसे भीषण युद्ध था. महाभारत युद्ध के दौरान ही श्रीकृष्ण ने अर्जुन को जो उपदेश दिए वह गीता कहलाई. कई लोग घर पर गीता तो रखते हैं, लेकिन महाभारत नहीं.
18 दिनों तक कुरुक्षेत्र के मैदान में चला महाभारत युद्ध पारिवारिक युद्ध था. ऐसे में आमतौर पर यह धारणा है कि, महाभारत को घर पर रखने से पारिवारिक कलह बढ़ता है. परिवार के सदस्यों के बीच युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न होती है. इसलिए ऐसी मान्यता है कि महाभारत को घर पर नहीं रखना चाहिए.
पारिवारिक कलह उत्पन्न होने के बाद ही महाभारत युद्ध हुआ. इसलिए केवल महाभारत की पुस्तक ही नहीं बल्कि कुछ लोग इससे जुड़ी चीजें जैसे महाभारत युद्ध की तस्वीर, युद्ध के प्रतीक, रथ आदि को भी रखना शुभ नहीं मानते हैं. इन प्रतीकों को रखने से घर पर आपसी कलह-क्लेश होने की संभावना बढ़ती है.
लेकिन महाभारत युद्ध से कई शिक्षा मिलती है. क्योंकि यह ऐसा संपूर्ण ग्रंथ है, जिससे सैन्य रणनीति, राजनीति, समाज, आचरण और नैतिक शिक्षा मिलती है.
इसलिए महाभारत का पाठ हर व्यक्ति को करना चाहिए. क्योंकि इससे यह सीख मिलती है कि, जीवन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं. आप घर पर यदि महाभारत नहीं रखते तो मंदिर जाकर या किसी अन्य खाली स्थान पर इसका पाठ कर सकते हैं. कहा जाता है कि, महाभारत का पाठ पूरा न करके एक पृष्ठ छोड़ देना चाहिए.
Published at : 24 Jun 2024 07:50 PM (IST)
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