शराब हर साल 26 लाख से ज्यादा लोगों की मौत का कारण बन रही है। दुनिया भर में करीब 40 करोड़ लोग शराब और नशीली दवाओं के कारण होने वाली बीमारियों से पीड़ित हैं। यह दुनिया की कुल मौतों का 4.7 फीसदी है। यानी हर 20 में से एक मौत के लिए शराब जिम्मेदार है। यह जानकारी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की ‘ग्लोबल स्टेटस रिपोर्ट ऑन ऐल्कॉहॉल एंड हेल्थ एंड ट्रीटमेंट ऑफ सब्सटेंस यूज डिसऑर्डर’ में सामने आई है।
रिपोर्ट के अनुसार यदि ड्रग्स से होने वाली मौतों को भी इसमें जोड़ दें तो यह संख्या 30 लाख से ज्यादा है। भारत में हालात और बुरे हैं। यहां एक लाख मौतों में शराब से 38.5 फीसदी मौतें हो रही हैं। यह संख्या चीन से दोगुनी से भी अधिक है। चीन में प्रति एक लाख मौतों में शराब से मरने वालों की संख्या 16.1 फीसदी है।
शराब के अत्यधिक सेवन से कई तरह की समस्याएं सामने आती हैं। इनमें लीवर से जुड़ी बीमारियों से लेकर कैंसर तक शामिल है। रिपोर्ट में इस बात की भी पुष्टि हुई है कि 2019 में शराब की वजह से होने वाली 26 लाख मौतों में से 16 लाख मौतें गैर-संचारी रोगों जैसे कैंसर से 4,01000 और दिल की बीमारियों से 4,74,000 मौतें हुईं।
- इनके अलावा 7,24,000 मौतों के लिए दुर्घटनाएं तथा तीन लाख मौतों की वजह संक्रामक बीमारियां रहीं।
20 से 39 साल के युवा ज्यादा प्रभावित
शराब और नशीली दवाओं का सबसे ज्यादा शिकार 20 से 39 साल के युवा बन रहे हैं। शराब के 13 फीसदी शिकार इसी आयु वर्ग के लोग थे। स्वास्थ्य संगठन ने इस बात की भी पुष्टि की है कि 2019 में यूरोप और अफ्रीकी क्षेत्रों में सबसे ज्यादा मौतें दर्ज की गई हैं। यूरोप में प्रति लाख लोगों पर शराब की वजह से होने वाली मौतों की संख्या 52.9 थी तथा अफ्रीका में 52.2 रही।
- यदि यूरोप को छोड़ दिया जाए तो कमजोर देशों में शराब के सेवन से जुड़ी मृत्यु दर सबसे अधिक है। जबकि उच्च आय वाले देशों में यह दर सबसे कम रही।
15 वर्ष या अधिक आयु के 31.2 फीसदी लोगों को शराब की लत
भारत में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के 31.2 फीसदी लोग शराब का सेवन करते हैं। इनमें से 3.8 फीसदी वह लोग भी हैं जो इसकी लत का बुरी तरह शिकार हैं और आए दिन बड़ी मात्रा में शराब पीते हैं, जबकि 12.3 फीसदी वह हैं जो कभी-कभार काफी ज्यादा शराब पीते हैं। भारत में 15 वर्ष या उससे अधिक आयु के करीब 41 फीसदी पुरुष शराब पीते हैं, जबकि महिलाओं में संख्या 20.8 फीसदी है।
विज्ञापन पर पाबंदी जरूरी
सेहत संबंधी इन चिंताओं को देखते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने ने अपनी नई रिपोर्ट में शराब और नशीली दवाओं की खपत को कम करने और इन मादक पदार्थों के सेवन से उपजे विकारों के लिए उपचार मुहैया कराने पर बल दिया है। शीर्ष स्वास्थ्य एजेंसी का कहना है कि कई देशों ने शराब की मार्केटिंग पर कुछ हद तक पाबंदियां लागू की है मगर वे काफी कमजोर हैं। दुनिया के अधिकांश देशों में इंटरनेट या सोशल मीडिया के लिए कोई नियम नहीं है।