सिंगरौली/सोनभद्र। महापौर रानी अग्रवाल ने मोरवा क्षेत्र के पार्षदो के साथ एनसीएल सीएमडी से मिलकर मोरवा शहर के विस्थापन में एन.सी.एल. द्वारा की जा रही विसंगतियो पर चर्चा करने के उपरांत 11 सूत्रीय मांग पत्र सौंपा है। इस मौके पर महापौर रानी अग्रवाल के साथ पार्षद शेखर सिंह, शिव शंकर प्रसाद, राजबहादुर पनिका, आशीष अग्रहरी, चन्द्रिका वर्मा, नीरज कुशवाहा मौजूद रहे। चर्चा के दौरान एनसीएल सीएमडी से मांग की गई कि विस्थापन संबंधी बैठकों में स्थानीय पार्षदो को बुलाया जाय। मांग पत्र में बताया गया है कि विस्थापन की बसाहट नगर निगम क्षेत्र में किया जाना चाहिए। पूर्नस्थापना स्थल में बसाहट एवं दी जाने वाली सारी रोड मैप स्थानीय अखबारों, मीडिया एवं सार्वजनिक सभा स्पष्ट करने उपरांत ही नापी एवं मूल्यांकन की प्रक्रिया शुरू की जाए। संपत्ति, परिसंपत्तियाँ हमारे संपति परिसंपत्तियों का मूल्यांकन नगर निगम क्षेत्र के किसी भी वार्ड जो कि सबसे ज्यादा मूल्य का हो, उसके बेस प्राइस बांधकर मूल्यांकन कराया जाए। संपत्ति एवं परिसंपतियों के मूल्यांकन के लिये गणना पत्र का प्रारूप एनसीएल एवं विस्थापितों के संयुक्त रूप से तैयार कराया जाए। विस्थापन पूरी सिंगरौली शहर का हो रहा है। इसलिए जनता की भावनाओं को देखते हुए नापी एक साथ कराई जाए। विस्थापितों को सीआईएल की लागू वार्षिक योजना के तहत कोल इंडिया लिमिटेड के अन्य अनुषंगी इकाइयों की तरह आजीवन इक्कीस हजार रुपये प्रतिमाह दिया जाए। धारा 9(1) के तहत अर्जित की जाने वाली भूमि एवं परिसंपत्तियों एवं पुनर्वास पुनर्स्थापना के तहत दिए जाने वाले समस्त लाभों का भुगतान एकमुश्त में किया जाए और परिसंपत्तियों को हटाने के लिए शपथ पत्र के माध्यम से 12 माह का समय सीमा दिया जाए। डिसेंडिंग ऑर्डर के तहत नौकरी देने, सभी विस्थापित परिवार के उपचार कार्ड के माध्यम से एनसीएल के अस्पतालों में इलाज कराने इत्यादि मांगो को शामिल किया गया है।