सोनभद्र। शहीद स्थल प्रवंधन ट्रस्ट करारी सोनभद्र स्थल पर मंगलवार को सुबह अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की जयंती पर याद किया गया। इस मौके पर काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें एक से बढ़कर एक रचना कवियों ने सुनाई और वाहवाही लूटी।
आयोजन की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ कवि शिवदास चंदौली ने अमर सेनानियों को माल्यार्पण दीपदान कर विधिवत शुभारंभ किया। कौशल्या कुमारी चौहान कवयित्री सोनभद्र ने वाणी वंदना पश्चात,,तीर हूं तलवार हूं अंगार हूं,,भारत की मिट्टी से मैं करती प्यार हूं सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया और राष्ट्रीय अनुराग जगाया। संचालन कर रहे युवा गीतकार दिलीप सिंह दीपक ‘बुजुर्गो ने लहू देकर वतन की आबरू रक्खी, तुम सब कुछ बेच दो लेकिन हिंदुस्तान मत बेचो सुनाकर वाहवाही बटोरी। आयोजक प्रदुम्न त्रिपाठी एड ने ‘सरहद के पहरेदारों को शत-शत मेरा प्रणाम जाये। देश खड़ा है साथ आपके ए मेरा पैगाम जाये।’
आजाद तिलक बिस्मिल हमीद बन देने कुर्बानी आयेंगे। जयहिंद अमर वंदेमातरम् स्वर तिरंगा नभ में लहराये सुनाकर देशप्रेम की अलख जगाया।इस अवसर पर शायर अशोक तिवारी राष्ट्र वाद के सजग प्रहरी प्रभात सिंह चंदेल हास्य व्यंग के दिवाकर मेघ, लोकभाषा भोजपुरी के दयानंद दयालू, नवगीत कार नोटरी अधिवक्ता राकेश शरण मिस्र सचिव सोन साहित्य संगम व कवि धर्मेश चौहान एडवोकेट आदि साहित्यकार गणों ने विभिन्न रसों में कविता सुनाकर श्रोताओं को झूमने पर विबस किया तो वहीं अध्यक्षता कर रहे कवि शिवदास ने ‘लहर रहा है गगनांगन में गौरव का अभिमान,जयति जै संविधान’ जयति जय हिंदुस्तान सुनाया और पूर्णता प्रदान किया। सामुहिक स्वर में बच्चों ने सोहर बधाई गीत प्रस्तुत कर सभीं का दिल जीत लिया।
इस अवसर पर रिषभ, शिवमोचन, फारुख, शिखा, मृत्युंजय, ममता, समता, पुरुषोत्तम कुशवाहा, सोमारू, श्यामलाल, बाबूलाल, प्रतीचा, आद्या, अंशिका साहित्य आदि मौजूद रहे। अंत में राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया और राष्ट्र गान गाकर कार्यक्रम का समापन हुआ।