लोकसभा में सपा नेता अखिलेश यादव।
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केंद्रीय बजट में उत्तर प्रदेश की उपेक्षा का विपक्ष आरोप लगा रहा है। विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सरकार बचाने में भूमिका निभा रहे बिहार और आंध्र प्रदेश को केंद्रीय बजट में बड़ा हिस्सा मिला है, लेकिन वित्त मंत्री के पूरे बजट भाषण में यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और पंजाब समेत कई राज्यों का नाम तक नहीं लिया गया। कांग्रेस, सपा, आप, तृणमूल कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने आज राज्यों की अनदेखी का आरोप लगाते हुए संसद परिसर में प्रदर्शन किया।
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बजट के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, बजट को देखकर लग रहा है कि भाजपा की डबल इंजन सरकार आपस में टकरा रही है। यूपी की भाजपा सरकार ने दिल्ली सरकार से बजट में कुछ मांगा ही नहीं। वहीं, केंद्र ने बजट में यूपी का नाम तक नहीं लिया। अगर पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को गाजीपुर-बलिया से बक्सर तक जोड़ दिया जाता तो भागलपुर से दिल्ली तक पूरा एक्सप्रेस-वे मिल जाता।
अखिलेश ने कहा कि यह बजट नहीं चपत है। बजट से उत्तर प्रदेश निराश है। डबल इंजन की सरकार से यूपी की आस पूरी नहीं हुई। प्रधानमंत्री बनाने वाले उत्तर प्रदेश के साथ भेदभाव हुआ है। अगर पैकेज से ही सरकार बननी है तो इंडिया गठबंधन वाले भी पैकेज तैयार रखे हैं। वहीं, बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि यह बजट बहुजनों के त्रस्त जीवन से मुक्ति के लिए अच्छे दिन की उम्मीदों वाला कम, मायूस करने वाला ज्यादा है।
बजट में यूपी के हाथ कुछ नहीं लगा
यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि बजट में यूपी के हाथ कुछ नहीं लगा। युवाओं के रोजगार, किसानों की दिक्कतों और महंगाई जैसी समस्याओं से निपटने का रोड मैप बजट में नहीं दिखा है। बजट सिर्फ और सिर्फ निराश करता है।
केंद्रीय बजट में हर वर्ग का ख्याल
यूपी सरकार के वित्तमंत्री सुरेश खन्ना का कहना है कि अखिलेश यादव और मायावती समेत तमाम विपक्ष के नेता बजट आने से पहले ही बजट की प्रतिक्रिया लिख लेते हैं। ये लोग न तो बजट पढ़ते हैं और न ही विश्लेषण करते हैं। विपक्ष नकारात्मकता की राजनीति छोड़े और सकारात्मक रवैया अपनाए। बजट में युवा, किसान, गरीब, नौकरीपेशा और व्यापारी समेत हर वर्ग का ख्याल रखा गया है।