भाजपा की प्रेस कॉन्फ्रेंस
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छठे दिल्ली वित्त आयोग के गठन की मांग को लेकर भाजपा विधायकों ने मोर्चा खोल दिया है। विधानसभा में पूर्व नेता प्रतिपक्ष व विधायक विजेंद्र गुप्ता ने बृहस्पतिवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने संविधान की हत्या की है। ऐसे में दिल्ली सरकार को तत्काल बर्खास्त किया जाए। इस मुद्दे को लेकर भाजपा विधायकों का प्रतिनिधिमंडल उपराज्यपाल से मिलेगा साथ ही राष्ट्रपति को भी अवगत कराएगा।
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विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि आप सरकार जब से सत्ता में आई है, लगातार संविधान का उल्लंघन कर रही है। 2015 में जब पहली सरकार बनी थी तो चौथे वित्त आयोग की रिपोर्ट सदन में स्वीकार करने के बाद भी लागू नहीं की गई। उस दौरान भी संविधान की खुली अवहेलना की गई थी। पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें तीन विभाजित नगर निगमों के आधार पर तैयार की गईं थीं। इनका कार्यकाल मार्च 2021 में खत्म हो गया था। एक अप्रैल 2021 से एकीकृत एमसीडी के आधार पर छठे वित्त आयोग की सिफारिशें लागू की जानी थी, जो नहीं हुईं।
वहीं, विधायक ओपी शर्मा ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने संविधान को ताक पर रख दिया है। विडंबना है कि ये सरकार या तो वित्त आयोग का गठन ही नहीं करती और करती है तो उसकी सिफारिशों को लागू नहीं करती। विधायक जितेंद्र महाजन ने कहा कि दिल्ली सरकार की नाकामियों का खामियाजा दिल्ली वालों को भुगतना पड़ रहा है। दिल्लीवाले पीने व बिजली बिल से परेशान हैं। विधायक अभय वर्मा ने कहा कि दिल्ली में शासन व्यवस्था भगवान भरोसे है।
उपराज्यपाल की वजह से बढ़ी परेशानी : आप
भाजपा विधायक दलों के आरोप को आम आदमी पार्टी ने पूरे तरह से खारिज कर दिया है। आप का कहना है कि दिल्ली सरकार छठे वित्त आयोग का तत्काल गठन करना चाहती है, लेकिन उपराज्यपाल ही इसके क्रियान्वयन में बाधा डाल रहे हैं। उपराज्यपाल को दिल्ली की जनता से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पैदा की गई उलझन के लिए माफी मांगनी चाहिए। छठे वित्त आयोग को तुरंत लागू कराने की पहल होनी चाहिए।