बेबी केयर अग्निकांड
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विवेक विहार के बेबी केयर न्यू बोर्न चाइल्ड अस्पताल में आग लगने से आठ नवजातों की मौत के मामले में दिल्ली पुलिस ने मालिक समेत दो डॉक्टरों के खिलाफ अदालत में आरोपपत्र दायर कर दिया है। इसमें पुलिस ने कहा है कि पांच बेड की मंजूरी के बावजूद अस्पताल 12 बेड पर इलाज किया जा रहा था। अस्पताल में न तो फायर सेफ्टी का प्रबंध था और न ही योग्य डाक्टर नियुक्त थे।
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अस्पताल के मालिक डॉ. नवीन खिची और डॉ. आकाश के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया है। कड़कड़डूमा कोर्ट की मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) विधि गुप्ता आनंद ने मामले को 2 अगस्त को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया है। आरोपपत्र की कॉपी आरोपियों के वकील, नवीन व आकाश को दी गई है। अदालत में आरोपियों को न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने के बाद पेश किया गया। अभियुक्तों की ओर से वकील नवीन कुमार सिंह व सत्यम सिंह ने पैरवी की। पुलिस ने डॉ. नवीन को 26 मई और आकाश को 27 मई को गिरफ्तार किया था।
आरोपपत्र में पुलिस ने 81 गवाह और 10 अहम खामियों का उल्लेख किया
- डीजीएचएस से 2021 से मिला लाइसेंस 31 मार्च को खत्म हो गया था। पांच बेड की मंजूरी थी, लेकिन 12 लगा रखे थे।
- लाइसेंस के आवेदन में फायर सेफ्टी का उल्लेख नहीं था। आग लगने के समय भी कुछ इंस्टॉल नहीं मिला।
- नर्सरी के एक बेड के लिए 50 वर्ग फीट जगह जरूरी है। पहली मंजिल पर दो कमरे थे, जो 12 बेड के लिए नाकाफी थे।
- नर्सरी के लिए पीजी डिग्री वाला डीएमसी सर्टिफिकेट वाला डॉक्टर जरूरी होता है जो नहीं था।
- जीएनएम की डिग्री, डीएनसी में रजिस्टर्ड और 10 बेड वाले आईसीयू अस्पताल में एक साल का अनुभव जरूरी था।
- लाइसेंस के तहत ऑक्सीजन सिलिंडर 20 रखने थे, लेकिन 31 मिले। सिलिंडर खतरनाक तरीके से रखे थे और ब्लास्ट हो गए।
- पुलिस पूछताछ में स्टाफ ने कबूल किया कि उनके पास बच्चों की नर्सरी में काम करने की जरूरी डिग्री नहीं थी।
- अस्पताल मालिक ने छत पर पुरुष स्टाफ को खाना बनाने की अनुमति दे रखी थी। नर्सिंग स्टाफ ने चेताया था, लेकिन असर नहीं हुआ।
- आग शॉर्ट सर्किट से नहीं लगी थी, लेकिन इसकी शुरुआत कैसे हुई इसका पता नहीं लग सका है। सभी विभागों की रिपोर्ट लगाई गई है।
- नर्सिंग होम के इमरजेंसी गेट की तरफ रद्दी और लकड़ी का कबाड़ रखा गया था, जिससे आग भड़क गई।