श्रावण अमावस्या के दिन पितरों एवं पूर्वजों के आशीर्वाद की प्राप्ति के लिए तर्पण और पूजन आदि अनुष्ठान कार्य किये जाते हैं. इस साल सावन अमावस्या 4 अगस्त 2024 को है.
सावन अमावस्या तिथि 3 अगस्त 2024, दोपहर 03.50 पर शुरू होगी और 4 अगस्त 2024 को शाम 04.42 पर इसकी समाप्त होगी.
सावन अमावस्या के दिन तीर्थ स्थल पर गंगा, नर्मदा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें. कहते हैं अमावस्या पर नदी या गंगाजल पानी में डालकर स्नान करने से रोग, दोष खत्म होते हैं. अमृत की प्राप्ति होती है.
सावन अमावस्या पर पीपल और तुलसी की पूजा खास मानी गई है. पीपल के वृक्ष में त्रिदेव अर्थात भगवान ब्रह्मा, विष्णु जी और शिव जी का वास माना गया हैं. सावन अमावस्या पर पीपल के पेड़ में दूध अर्पित करें और 7 बार परिक्रमा करें. मान्यता है इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है.
सावन अमावस्या पर शिवलिंग पर बेलपत्र जरूर चढ़ाएं. फिर 108 बार महामृत्युजंय मंत्र का जाप करते हुए जलाभिषेक करें. कहते हैं इससे शिव-शक्ति दोनों के आशीर्वाद से सौभाग्य प्राप्त होता है.
सावन अमावस्या पर मंदिर में पीपल, बरगद या फिर घर में बेलपत्र, तुलसी, आंवले का वृक्ष लगाएं. इससे नौकरी में तरक्की और धन में वृद्धि होती है.
Published at : 26 Jul 2024 03:00 PM (IST)
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